देश-विदेश
भारत की राजनीति में एक और परिवार सेक्स स्कैंडल में फंसा।
(गिरीश मालवीय)
भारत की राजनीति में एक और परिवार सेक्स स्केंडल मे फँस गया है, कुछ ही दिन पहले एलजेपी के संस्थापक अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान पासवान की प्रथम बरसी पर मोदीजी ने उन्हें याद किया और कल ही पासवान के छोटे भाई दिवंगत रामचंद्र पासवान के बेटे ओर समस्तीपुर बिहार से सांसद प्रिंस राज पर रेप का मुकदमा दर्ज हुआ है.
प्रिंस राज बिहार एलजेपी (पारस) गुट के प्रदेश अध्यक्ष है,पशुपति कुमार पारस पासवान अभी कुछ दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री बने हैं,
जिस लड़की ने रेप का मुकदमा दर्ज किया प्रिंस राज भी उसके खिलाफ पहले एफआईआर दर्ज करवा चुके हैं. प्रिंस की एफआईआर के मुताबिक, ‘युवती से मुलाकात साल 2019 में हुई थी. जून 2020 आते-आते दोनों एक-दूसरे के करीब आ गए. 18 जून, 2020 को युवती ने उन्हें गाजियाबाद स्थित अपने घर पर बुलाया, जहां दोनों के बीच शारीरिक संबंध बने. हालांकि, लड़की का आरोप है कि प्रिंस उसके साथ मर्जी के बिना ही संबंध बनाए.
लड़की ने आरोप लगाया है कि ‘प्रिंस राज ने मेरा वीडियो भी बना लिया था. मैं पांव पकड़ कर रोती रही लेकिन प्रिंस राज ने कहा अगर मैंने कुछ कहा तो वह वीडियो लीक कर देगा. चिराग भैया ने भी सबूत मिटाने की कोशिश की, खुद ही तय कर लिया कि मैं ब्लैकमेलर हूं और उल्टा मुझपर ही आरोप लगा दिए.’
साफ है कि चिराग पासवान भी इस कृत्य में शामिल हैं जैसा कि लड़की ने आरोप लगाया है, यानी एक तीर से कई शिकार हुए हैं क्योंकि पासवान फैमिली में फुट पड़ चुकी है चिराग पासवान ओर उनके चाचा पारस पासवान में कुछ ही महीने पहले पार्टी पर कब्जे को लेकर बड़ी जंग छिड़ी हुई थी,
आपको याद होगा कि बिहार में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में एलजेपी ने एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ा था, लेकिन चिराग पासवान लगातार पीएम मोदी की तारीफ कर रहे थे। प्रचार के दौरान पासवान ने खुद को पीएम मोदी का हनुमान कहा था,
अब उन्ही चिराग पासवान पर बलात्कार पीड़िता ने गम्भीर आरोप लगाया है।
इस घटना से एक ओर सैक्स स्केंडल याद आता है जिसमे
बिहार से ही आने वाले जगजीवन राम जो पीएम पद के दावेदार माने जा रहे थे एक ही झटके में राजनीति से अपदस्थ कर दिए गए
1978 में जगजीवन राम भारत के पहले दलित प्रधानमंत्री बन जाते अगर उनके बेटे सुरेश राम का नाम सेक्स स्कैंडल में शामिल नहीं हुआ होता. ये मामला तब रौशनी में आया जब सारी परिस्थितियां जगजीवन राम के पक्ष में थी. 47 साल के सुरेश राम का दिल्ली विश्वविद्यालय की एक 21 साल की लड़की के साथ आपत्तिजनक फोटो सूर्या मैगजीन में छप गए इस मैग्जीन को एडिट करके मेनका गांधी ने किया.
मेनका गांधी ने उस मैगजीन में इस फोटो को आमने सामने के दो पेज में जगह दी थी। यही नहीं उस समय मैजगीन ने विशेष तौर पर 1.2 लाख प्रतियां छपवाई थीं, जिसमें 20 हजार कॉपी केवल दिल्ली में बेची गई थी।
सुरेश राम सेक्स स्कैंडल ने ना ही सुरेश राम की जिंदगी बदल दी थी बल्की दलितों के मसीहा और सुरेश राम के पिता जगजीवन राम का प्रधानमंत्री बनने का सपना तक चकनाचूर कर दिया था। कहा जाता है कि जाने-माने नेता जगजीवन राम के बेटे सेक्स स्कैंडल में न फंसे होते तो वह देश के पहले दलित पीएम बन सकते थे
देश की दलित राजनीति का वर्तमान में प्रतिनिधित्व कर रही पासवान फैमिली भी इस सेक्स स्केंडल में फँस गयी है।