देश-विदेश
अफगानिस्तान के भगोड़े राष्ट्रपति की गिरफ्तारी की तैयारी।
अफगानिस्तान में कब्जा करने के बाद अब तालिबान वहां के भगोड़े राष्ट्रपति अशरफ गनी को कैद करना चाहता हैं।तालिबान से डरकर देश छोड़ भागे अफगानिस्तान राष्ट्रपति के अशरफ गनी को पकड़ने के लिए अफगान दूतावास ने इंटरपोल के जरिए अशरफ गनी को गिरफ्तार करने का निर्देश जारी किया।गनी पर गबन का आरोप हैं।कहा जा रहा हैं कि तालिबान के काबुल पहुंचने से पहले राष्ट्रपति गनी बेतहासा धन संपदा लेकर अफगानिस्तान से भागे हैं।अफगानिस्तान पर पूरी तरह कब्जा जमाने के बाद अब तालिबान ने भगोड़े राष्ट्रपति अशरफ गनी को अपनी कैद में लेने की कोशिश तेज कर दी हैं।माना जा रहा हैं कि अफगानिस्तान में तालिबानी शासन में अब तालिबान का सह-संस्थापक और राजनीतिक प्रमुख मुल्ला बरादर दोहा नया राष्ट्रपति बन सकता हैं।
भगोड़े राष्ट्रपति अशरफ गनी के अलावा हमदुल्ला मोहिब और फजलुल्लाह महमूद फाजली को भी तालिबान शासन गिरफ्तार करना चाहता हैं।
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जा करने के बाद वहाँ की लोगों में खौफ का माहौल हैं।तालिबान के क्रूरता से बचने के लिए लोगों में अफरा तफरी मची पड़ी हुई हैं।इस बीच नॉर्दन अलायंस ने तालिबान के खिलाफ जंग छेड़ दी है। तालिबानी हुकूमत के बीच पंजशीर घाटी में नॉर्दन अलायंस का झंडा फहराया गया है। 2001 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है। ऐसी खबरें हैं कि तालिबान से बचने के लिए जो अफगानी सैनिक छिप गए थे वे अब पंजशीर पहुंचे रहे हैं। ये सैनिक दिवंगत अफगानी पॉलिटिशियन अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद की अपील पर पंजशीर में इकट्ठे हो रहे हैं।
तालिबान को कई जगह आम जनता का भी विरोध झेलना पड़ रहा है। जलालाबाद में ऐसी ही घटना सामने आई है। यहां लोगों ने तालिबानी हुकूमत के बीच अफगानिस्तान का झंडा लगा दिया, जिसे तालिबान ने हटाकर अपना झंडा लगाने की कोशिश की। इस दौरान लोगों की तालिबानियों से झड़प हो गई और लोगों को डराने के लिए तालिबानियों से फायरिंग कर दी, जिसमें एक व्यक्ति के मारे जाने की खबर है।