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BJP विधायक ने दी धमकी, सकते में स्वास्थ्य मंत्री
रामनगर संयुक्त चिकित्सालय को पीपीपी मोड से हटाने पर उठे सवाल, विधायक दिलीप सिंह रावत ने दी धरने की चेतावनी
रामनगर (नैनीताल) का संयुक्त चिकित्सालय एक बार फिर विवादों में है। लैंसडाउन के भाजपा विधायक दिलीप सिंह रावत ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि संयुक्त चिकित्सालय को पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड से एक महीने के भीतर नहीं हटाया गया तो वे धरने पर बैठने को मजबूर होंगे।
पीपीपी मोड में संचालित सर्वम सुभम कंपनी की लापरवाही और अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के कारण लोगों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। विधायक रावत का कहना है कि बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने में नाकाम पीपीपी संचालक से संयुक्त चिकित्सालय का संचालन वापस लिया जाना चाहिए, ताकि सरकार खुद इसे सुचारू रूप से संचालित कर सके। विधायक ने पहले भी अक्टूबर में अनुबंध खत्म होने पर इसे न बढ़ाने की मांग की थी, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री ने इसे पुनः तीन महीने के लिए बढ़ा दिया।
हाल ही में मरचूला बस हादसे के बाद अस्पताल पहुंचे विधायक दिलीप सिंह रावत को तीमारदारों ने अस्पताल की व्यवस्थाओं की कमी को लेकर शिकायतें की। विधायक रावत ने इसे गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य मंत्री के सामने अपनी नाराजगी जताई और सवाल उठाया कि उनके मना करने के बावजूद आखिरकार अनुबंध क्यों बढ़ाया गया?
विधायक की इस धमकी के बाद स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत पर दबाव बढ़ गया है। जानकारी के मुताबिक, मंत्री ने विधायक को आश्वासन दिया है कि एक महीने के भीतर इस मुद्दे का समाधान किया जाएगा और रामनगर के संयुक्त चिकित्सालय को पीपीपी मोड से हटाने की कार्रवाई शुरू की जाएगी। अपनी ही पार्टी के विधायक से मिले इस अल्टीमेटम के बाद स्वास्थ्य मंत्री मुश्किल में दिखाई दे रहे हैं, और सरकार पर इस मुद्दे को सुलझाने का दबाव बढ़ गया है।
क्या वाकई में रामनगर के लोगों को मिलेगी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं? या ये सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी बनकर रह जाएगी? आने वाले वक्त में ही इसका जवाब मिलेगा, लेकिन फिलहाल विधायक की चेतावनी ने स्वास्थ्य मंत्री और प्रशासन को सकते में डाल दिया है।