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बहराइच में आदमखोर भेड़ियों का आतंक, वन विभाग ने एक और भेड़िया किया कैद, अब भी लंगड़ा भेड़िया फरार
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में भेड़ियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में वन विभाग की टीम ने एक और आदमखोर भेड़िए को पिंजरे में कैद कर लिया है, जिससे क्षेत्र के लोगों को थोड़ी राहत जरूर मिली है, लेकिन अभी भी एक लंगड़ा भेड़िया फरार है, जिसने इलाके में खौफ का माहौल बना रखा है। वन विभाग के अनुसार, इस भेड़िए की आक्रामकता सबसे अधिक है और यह अब तक पकड़े गए भेड़ियों में सबसे खतरनाक है।
बहराइच के ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले कुछ महीनों से भेड़ियों के आतंक ने लोगों की नींद उड़ा रखी है। अब तक पांच भेड़ियों को वन विभाग द्वारा पकड़ा जा चुका है, लेकिन इन आदमखोर भेड़ियों ने अब तक सात मासूमों को अपना शिकार बना लिया है। इनका आतंक इतना बढ़ गया था कि लोग अपने बच्चों को घरों से बाहर निकालने से डरने लगे थे।
आदमखोर भेड़ियों के शिकार
भेड़ियों के शिकारों की सूची काफी दर्दनाक है। इन जानवरों ने गांव के मासूम बच्चों और बुजुर्गों को भी नहीं बख्शा। अब तक जिन लोगों की जान गई, उनमें 1 साल का अख्तर, 3 साल की प्रतिभा, 8 साल का किशन, 4 साल की संध्या, 5 साल की खुशबू, 52 साल की रीता और 7 साल का अयांश शामिल हैं। इन घटनाओं ने इलाके के लोगों को न केवल दुखी किया है बल्कि एक स्थायी डर का माहौल भी बना दिया है।
वन विभाग की कार्रवाई
भेड़ियों के बढ़ते आतंक को देखते हुए वन विभाग की टीमें दिन-रात इन आदमखोरों की तलाश में जुटी हुई हैं। अब तक पांच भेड़ियों को पकड़ने में सफलता मिली है, लेकिन इनका सबसे खतरनाक सदस्य, एक लंगड़ा भेड़िया, अब भी फरार है। यह भेड़िया सबसे आक्रामक माना जा रहा है और इसके पकड़े जाने तक लोगों को पूरी तरह से राहत नहीं मिल सकेगी। वन विभाग के अधिकारी इस भेड़िए को पकड़ने के लिए जाल बिछा रहे हैं और ग्रामीणों से भी सावधानी बरतने की अपील कर रहे हैं।
ग्रामीणों में डर का माहौल
भेड़ियों के हमलों के बाद इलाके में भय और चिंता का माहौल बना हुआ है। लोग अपने बच्चों को अकेले बाहर भेजने से कतराते हैं और दिन ढलते ही अपने घरों में बंद हो जाते हैं। सरकार और प्रशासन से लगातार इस खतरे से निपटने की मांग की जा रही है, लेकिन तब तक गांव के लोग वन विभाग की कार्रवाई और अपनी किस्मत पर ही निर्भर हैं।
वन विभाग का दावा है कि जल्द ही लंगड़े भेड़िए को भी पकड़ लिया जाएगा, लेकिन तब तक ग्रामीणों को सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है।