उत्तराखण्ड
शराब के खिलाफ गरजा पाटकोट,आंदोलन को ताकत देने पहुंची श्वेता मासीवाल!
शराब के खिलाफ गरजा पाटकोट,आंदोलन को ताकत देने पहुंची श्वेता मासीवाल!
रामनगर/पाटकोट।
“या तो शराब हटेगी, या हम धरने से नहीं हटेंगे!” – यही तेवर थे सोमवार को पाटकोट में जब शराब की दुकान के विरोध में सैकड़ों ग्रामीण महिलाएं और पुरुष सड़कों पर उतरे। इस आंदोलन को उस वक्त और ताकत मिली जब वत्सल फाउंडेशन की सचिव और जानी-मानी सोशल एक्टिविस्ट श्वेता मासीवाल मौके पर पहुंचीं और खुले शब्दों में सरकार को चेतावनी दे दी – “अगर जरूरत पड़ी, तो हाईकोर्ट जाएंगे!”
धरने के दौरान जब रामनगर की आबकारी अधिकारी मीनाक्षी टम्टा मौके पर आईं, तो उन्हें लोगों के भारी गुस्से का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने साफ कह दिया कि हमारे गांव में शराब नहीं चाहिए।
कुछ देर बाद रामनगर के तहसीलदार कुलदीप पांडेय भी धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने आंदोलनकारी महिलाओं और श्वेता मासीवाल से बातचीत की और भरोसा दिलाया कि मामले की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों तक पहुंचाई जाएगी। इसी बीच शराब की दुकान के लिए अपनी दुकान किराए पर देने वाले व्यक्ति ने भी दबाव के चलते दुकान देने से इनकार कर दिया।
हालांकि तहसीलदार के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने आंशिक रूप से राहत की सांस ली है, लेकिन लोगों ने साफ कर दिया कि जब तक दुकान पूरी तरह से बंद नहीं होती, तब तक धरना खत्म नहीं होगा।
श्वेता मासीवाल ने साफ शब्दों में कहा –
“पहाड़ को नशे से बर्बाद नहीं होने देंगे। अगर प्रशासन ने कदम नहीं उठाया, तो हम हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।”श्वेता ने लोगों से कहा कि वह जिसे अपना वोट देकर प्रतिनिधि चुनते हैं उसकी जवाबदेही के लिए सवाल करना चाहिए.
इस आंदोलन में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए, जिनमें प्रमुख रूप से ये नाम रहे –
बबीता बिष्ट, नरेंद्र सिंह बिष्ट, ग्राम प्रधान मनमोहन पाठक, बीटीसी मेंबर भावना त्रिपाठी, बीजेपी नेता महेंद्र सिंह मेहरा, पूनम रावत, गोपाल सिंह कुर्या, अंजलि बॉस, गीता देवी, गौरव जोशी, चंपा देवी, मोहनी देवी, नीतू देवी, रेनू तिवारी, गीता काश्मीरा, पूनम काश्मीरा, बचौली देवी, लक्ष्मण सिंह लुधियाल, कमल सिंह तड़ियाल, चंद्र तिवारी, कमल नेगी, प्रियांशु तिवारी, दीपा पपने समेत सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे।




