उत्तराखण्ड
रामनगर में 68 किलो गांजा पकड़ाया – लेकिन असली सवाल ये है कि इतना माल आया कहां से?
रामनगर में 68 किलो गांजा पकड़ाया – लेकिन असली सवाल ये है कि इतना माल आया कहां से?
रामनगर:उत्तराखंड में “ड्रग फ्री देवभूमि” का नारा देने वालों के मुंह पर एक और तमाचा पड़ा है। रामनगर में पूछड़ी निवासी 22 साल का युवक दानिश, अपनी टैक्सी (UK19TA 1172) में 68 किलो गांजा लेकर घूम रहा था और कोई रोकने वाला नहीं था। सवाल ये है कि आखिर इतनी भारी खेप रामनगर तक पहुंच कैसे गई? क्या ये एक दिन की सप्लाई थी या लंबे वक्त से चलता आ रहा नेटवर्क?
गिरफ्तार किए गए युवक दानिश ने बताया कि ये गांजा “आर्तिक और भूरी” नाम के दो लोगों का था, जिन्होंने उसे 5000 रुपये देकर पहाड़ से माल लाने को कहा था। यानी सप्लाई चेन मजबूत है, पैसे का लालच देकर छोटे युवाओं को फंसाया जा रहा है, और नेटवर्क का सिरा अब भी कानून की गिरफ्त से बाहर है।
क्या सिर्फ पकड़ लेना ही काफी है?
68 किलो गांजा… यानी तकरीबन 17 लाख रुपये की नशे की मौत। अब सोचिए, ये माल बाजार में पहुंचता तो कितनी जिंदगियों को बर्बाद करता? लेकिन असली बात ये है कि जब तक ऐसे “आर्तिक” और “भूरी” जैसे सप्लायर खुलेआम घूम रहे हैं, नशा खत्म नहीं होने वाला।
अब सवाल ये है –
🔴 आखिर उत्तराखंड में गांजा, स्मैक और अन्य नशे की खेप लगातार कहां से आ रही है?
🔴 क्या टैक्सी, बस और प्राइवेट वाहनों में नशा ले जाना इतना आसान हो चुका है?
🔴 जो नाम आरोपी ने लिए हैं, क्या वो पहले से भी पुलिस की जानकारी में थे? या फिर हर बार एक नया मोहरा पकड़कर केस बंद कर दिया जाएगा?
“नशामुक्त अभियान” की सच्चाई ये है कि नशा आज भी युवाओं की रगों में दौड़ रहा है – और जिम्मेदार सिस्टम आंखें मूंदे बैठा है।
📌 आखिर कब तक देवभूमि को नशे के सौदागरों की धरती बनने से रोका नहीं जाएगा?







