उत्तराखण्ड
मालिकाना हक दिये जाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन।
जो व्यक्ति जिस जगह पर रह रहा है, उसे वहीं पर मालिकाना हक दिये जाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन
रामनगर।उत्तराखंड में भाजपा सरकार द्वारा चलाए जा रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत लोगों के आवास रोजगार व धार्मिक संरचनाएं तोड़े जाने पर तत्काल रोक लगाए जाने तथा जो व्यक्ति जिस जगह पर रह रहा है, उसे वहीं पर मालिकाना हक दिए जाने व वन अधिकार कानून 2006 का अनुपालन किए जाने आदि मांगों को लेकर वन परिसर रामनगर में तिलाड़ी के शहीदी दिवस पर धरना प्रदर्शन आयोजित किया गया तथा विभिन्न संगठनों द्वारा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी प्रेषित किया गया।
ललित उप्रेती के संचालन में हुई सभा को संबोधित करते हुए ग्राम कालू सिद्ध निवासी किशन शर्मा ने कहा कि अतिक्रमण के नाम पर उजाड़े जा रहे हम सभी लोग इसी देश के नागरिक हैं। मतदाता सूची में हमारा नाम है तथा सरकार द्वारा हमें राशन कार्ड,आधार कार्ड व मतदाता पहचान पत्र आदि उपलब्ध कराए गए हैं। देश व प्रदेश की सरकार चुने जाने में हमारे वोटों की भी अहम भूमिका है। हमने सरकार को इसलिए नहीं चुना था कि सरकार हमें अपने ही घरों से बेदखल कर दे। उन्होंने कहा कि हम अतिक्रमण के विवाद में नहीं रहना चाहते। सरकार हमें पट्टे देखकर मालिकाना अधिकार प्रदान करें।
नारायणपुर निवासी इंद्रजीत सिंह ने कहा कि उत्तराखंड सरकार की इस अतिक्रमण हटाओ की जनविरोधी नीति के कारण आम आदमी का भरोसा सरकार एवं कानून व्यवस्था से उठता जा रहा है। सरकार हमें बताएं कि हम अपने घरों से बेदखल किए जाने के बाद कहां जाएं।
महिला एकता मंच की संयोजक ललिता रावत ने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि वह देश के प्रत्येक नागरिक के लिए आवास, शिक्षा,स्वास्थ्य व रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाओं का इंतजाम करे। परंतु उत्तराखंड में सरकार जनता को उसके आवासों से बेदखल कर रही है। उन्होंने जनता से अपने घर टूटने से बचाने के लिए एकजुट होकर संघर्ष करने का आह्वान किया।
वन गूजर नेता मोहम्मद सफी ने कहा कि उत्तराखंड में सरकार वन अधिकार कानून 2006 का अनुपालन करें तथा किसी हटाने से पहले उसके पुनर्वास का इंतजाम किया जाए।
सभा को मुनीष कुमार, छोई निवासी मनोज कुमार, रोहित रुहेला, प्रभात ध्यानी, चिंताराम, संजय नेगी, एस लाल, नवीन नैथानी, लालमणि आदि ने खिलाड़ी के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि सरकार लैंड जेहाद के नाम पर जनता को उसके घरों से बेदखल कर जमीनें कॉर्पोरेट को सौंपना चाहती है। के खिलाफ समूचे उत्तराखंड की जनता को एकजुट होकर संघर्ष करने की जरूरत है।