उत्तराखण्ड
मांगों को लेकर खनन व्यवसाईयों का अर्द्धनग्न होकर प्रदर्शन, भेजा ज्ञापन
हल्द्वानी। खनन रॉयल्टी और गाड़ियों का फिटनेस निजी हाथों में देने के विरोध में खनन कारोबारियों में आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। इसे लेकर उन्होंने अर्द्धनग्न होकर प्रदर्शन किया। एसडीएम कोर्ट में प्रदर्शन कर रहे कारोबारियों ने मांगों को लेकर एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।
इस दौरान उन्होंने सरकार पर मनमानी करने का आरोप लगाया। कहा कि खनन से जुड़े वाहन तीन से चार महीने ही कार्य कर पाते हैं और शेष समय उन्हें परिवहन विभाग में सरेंडर कर दिया जाता है। ऐसे में फिटनेस के नाम पर उनसे 14 हजार 400 रूपए लिया जाना उचित नहीं है। उन्होंने इसे पूर्व की भांति 1440 रूपए करने की मांग की। इसके अलावा जीपीएस लगाने का भी उन्होंने विरोध किया। कहा कि खनन से जुड़े खनन क्षेत्र से महज सात किमी के दायरे में ही काम करते हैं। ऐसे में जीपीएस की बाध्यता को भी समाप्त किया जाए।
खनन कारोबारियों का कहना था कि गौला नदी में 3 महीने बाद भी खनन कार्य शुरू नहीं हो पाया है। उन्होंने सरकार पर गौला खनन से जुड़े कारोबारियों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया। कहा कि पहले वाहनों की फिटनेस निजी सेंटरों से कराई जाने लगी। अब खनन रॉयल्टी निजी हाथों में दी जा रही है, जिससे इसका असर उनके कारोबार पर पड़ेगा। इस दौरान राजेंद्र बिष्ट, जीवन कब्डाल, रमेश चंद्र जोशी, इंदर सिंह नयाल, भगवान धामी, कैलाश भट्ट, जीवन बोरा, सुरेश चंद्र जोशी, कवीन्द्र कोरंगा, नरेंद्र सिंह राणा, नफीस चौधरी, सुरजीत सिंह, फईम खान, विजय बिष्ट, धर्मेंद्र मेहरा आदि मौजूद रहे।