उत्तराखण्ड
कुमाऊं में पॉल्यूशन फैलाने वालों पर गिरी गाज, 15 स्टोन क्रशर और कई होटल-रिजॉर्ट पर कार्रवाई
कुमाऊं में पॉल्यूशन फैलाने वालों पर गिरी गाज, 15 स्टोन क्रशर और कई होटल-रिजॉर्ट पर कार्रवाई
हल्द्वानी। उत्तराखंड का पहाड़ पहले से ही आपदाओं से जूझ रहा है, ऊपर से प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग और रिसॉर्ट हालात और बिगाड़ने में लगे हैं। लेकिन अब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने इन पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। शासन के आदेश पर कुमाऊं मंडल में चलाए गए अभियान के दौरान स्टोन क्रशरों और होटलों-रिजॉर्ट्स में भारी लापरवाही सामने आई।
क्षेत्रीय प्रबंधक अनुराग नेगी ने बताया कि पिछले माह विभागीय टीम ने विभिन्न जिलों में निरीक्षण किया। जांच में खुलासा हुआ कि अधिकांश स्टोन क्रशर न तो ग्रीन बेल्ट विकसित कर पाए हैं और न ही धूल रोकने के लिए स्प्रिंकलर लगाए गए हैं। कई जगह चारदीवारी तक मानक के अनुसार पूरी नहीं की गई थी। वहीं, होटल और रिजॉर्ट्स में सीवरेज निस्तारण की कोई व्यवस्था ही नहीं मिली।
👉 जांच में सामने आया सच:
- 21 स्टोन क्रशरों की जांच हुई, जिनमें से 15 पर गंभीर अनियमितताएं मिलीं।
- चंपावत जिले में 2, नैनीताल में 6 और पिथौरागढ़ में 7 स्टोन क्रशरों पर कार्रवाई की गई।
- नियमों की अनदेखी करने वाले संचालकों को चेतावनी और जुर्माना थमाया गया।
पॉल्यूशन विभाग ने साफ कर दिया है कि अब दिखावटी व्यवस्थाओं से काम नहीं चलेगा। संचालकों को पर्यावरण सुरक्षा के सभी इंतज़ाम पूरे करने होंगे, वरना अगली कार्रवाई सीधे बंदी और लाइसेंस रद्द करने की होगी।
पहाड़ की हवा और पानी पहले ही खतरे में हैं, ऐसे में सवाल उठता है—क्या जुर्माने और चेतावनी से सच में ये प्रदूषण माफिया सुधरेंगे या फिर पर्यावरण का दम घोंटने का सिलसिला यूं ही जारी रहेगा?







