उत्तराखण्ड
यहां बैंक कर्मचारी ने ग्राहकों के खाते से लाखों उड़ाए, सवालों के घेरे में बैंक प्रबंधन
रायवाला। पंजाब नेशनल बैंक के रायवाला शाखा में ग्राहकों का पैसा सुरक्षित नहीं है। ग्राहकों के खाते में घुसकर बैंक कर्मचारी पैसों की हेरा-फेरी कर रहे हैं। जबकि कुछ ग्राहकों को फिक्स डिपोजिट में पैसा जमा कराने व बीमा के नाम पर उनके खाते से पैसे तो निकाल लिए गए मगर उनको दस्तावेज नहीं दिए। यानि ग्राहक का पैसा कहीं और ठिकाने लगा दिया गया। बैंक के रायवाला शाखा में यह कारनामा एक कर्मचारी ने किया है। मामला उजागर होने पर बैंक प्रबंधक ने कर्मचारी को हटा दिया।
ग्राम रायवाला निवासी सुमित भट्ट ने पुलिस को दी तहरीर में बताया है कि उसके खाते से 10 जुलाई को अवैध तरीके से साढ़े चार लाख रुपये राधा देवी के नाम ट्रांसफर हुए हैं। इसका पता उनको बीते 22 सितंबर शुक्रवार को तब चला जब उन्होंने बैंक स्टेटमेंट चैक की। जबकि उन्होंने ऐसी कोई ट्रांजेक्शन नहीं की, न ही कोई चेक दिया और न कोई विड्राल फार्म भरा। उनका आरोप है कि बैंक के कर्मचारी, प्रोबेशन अधिकारी की मिलीभगत से यह रूपया निकाला गया। वहीं, छिद्दरवाला निवासी अनिल नेगी ने भी इसी तरह की तहरीर दी है। जिसमें उन्होंने खाते से पांच लाख रुपये निकाले जाने की शिकायत दी है। उनका कहना है कि बैंक के अंदर बैठे कर्मचारी के प्रति बैंक प्रबंधक जिम्मेदार है। सिर्फ दोषी कर्मचारी को हटा देने से प्रबंधक की जिम्मेदारी पूरी नहीं हो जाती। ग्राहकों का पैसा बैंक को ही लौटाना होगा।
वहीं सूत्रों के मुताबिक करीब 15 ग्राहकों के खाते से पैसा निकला है। जिसकी रकम 50 लाख से भी अधिक है। इस सम्बन्ध में उपनिरीक्षक कुशाल सिंह रावत ने बताया कि पीड़ित पक्ष से तहरीर मिली है, मामले की जांच की जा रही है। वहीं पूरे मामले में बैंक प्रबंधन की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में है। दरअसल जिस कर्मचारी ने यह कारनामा किया वह पीएनबी मेटलाइफ का कर्मचारी है। इस कर्मचारी को मैनेजर की निगरानी में मेटलाइफ की बीमा योजनाओं की जानकारी देने के लिए बैंक में रखा जाता है। सवाल यह है कि जब मेटलाइफ का कर्मचारी हेरा-फेरी कर रहा था तो बैंक प्रबंधक को इसकी जानकारी क्यों नहीं हो पाई। बैंक से जिन ग्राहकों का लाखों रुपए निकाला गया है, उसकी भरपाई कौन करेगा, इस बारे में जब बैंक प्रबंधक केपी सिंह से पूछा गया तो वह जवाब नहीं दे पाए। उनका सिर्फ यही कहना था कि कर्मचारी को हटा दिया गया है, और इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को दी गयी है। जो भी कार्रवाई होगी उच्च स्तर से की जाएगी।