उत्तराखण्ड
बैंकों को निजी हाथों में बेचने पर तुली मोदी सरकार के खिलाफ बैंक कर्मचारियों ने लगाए मुर्दाबाद के नारे।
रामनगर(नैनीताल) मोदी सरकार द्वारा सरकारी बैंकों को निजी हाथों में बेचे जाने का विरोध शुरू हो गया हैं। सरकारी बैंक कर्मचारियों ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ आज देश व्यापी हड़ताल की हैं।
यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर रामनगर में भी बैंक कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। हड़ताली बैंक कर्मियों ने कोसी रोड स्थित स्टेट बैंक के मुख्यालय के बाहर सभा कर निजीकरण के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन किया। हड़ताली बैंक कर्मियों ने कहा कि केंद्र में बैठी मोदी सरकार एक एक सभी सरकारी संस्थानों को निजी हाथों में बेच रही है। जिन कॉरपोरेट घरानों ने सरकारी बैंकों से कर्ज़ लिया सरकार उन्हीं को अपने बैंकों को बेचने पर आमदा हैं।उन्होंने कहा कि सरकारी बैंकों का निजीकरण होने से बैंक कर्मचारियों के साथ- साथ बैंकों में पैसा जमा करने वालों का पैसा भी सुरक्षित नहीं रहेगा इसलिए उन्होंने सभी से इस निजीकरण के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की है।
हड़ताली बैंक कर्मचारियों ने कहा कि कोरोना काल में सरकारी बैंक,सरकारी अस्पताल और पुलिस ही लोगों के लिए काम कर रहे थे जबकि निजी अस्पताल और निजी बैंक बंद रहे।
बैंक कर्मचारियों ने कहा कि आज सरकारी बैंकों में लोगों का पैसा सुरक्षित है लेकिन निजी हाथों में जाने के बाद बैंकों में लोगों का पैसा सुरक्षित नहीं रहेगा।
प्रदर्शनकारी हड़ताली बैंक कर्मियों ने इस बीच मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। बैंक कर्मियों ने कहा कि धर्म के नाम पर लोगों को लड़ाकर यह सरकार सत्ता पर राज करना चाहती है लेकिन सभी धर्म के लोग इस देश के नागरिक और हम सबको एक रहना है। उन्होंने कहा कि जब हम सब एक रहेंगे तभी हमारी बात सुनी जायेगी और हमारी बात मानी जायेगी।
यूएफबीयू के रीजनल सेक्रेटरी चन्दन बिष्ट ने कहा कि सरकार लोगों के बीच जिन योजनाओं के लिए वाहवाही लूटने की कोशिश करती है उन योजनाओं का पैसा हम ही सरकारी कर्मचारी लोगों के खातों में डालते है। श्री बिष्ट ने कहा कि मोदी सरकार का सरकारी बैंकों को निजी हाथों में बेचने का फैसला देश हित में नहीं है,यह फैसला सरासर गलत हैं, सरकार को अपने इस फैसले को पुनर्विचार करना चाहिए।
यूएफबीयू नौ यूनियनों का एकछत्र निकाय है, जिसमें अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ ,अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ और राष्ट्रीय बैंक कर्मचारी संगठन शामिल हैं। इस यूनियन से 9 लाख बैंक कर्मचारी जुड़े हैं। यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के विरोध में आज और कल 17 दिसंबर को बैंक कर्मचारी देशव्यापी हड़ताल पर हैं।