उत्तराखण्ड
चमोली हादसे में बड़ी कार्रवाईः निलंबित इंजीनियर समेत तीन आरोपी हुए गिरफ्तार
देहरादून। 19 जुलाई को सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में करंट से हुई 16 मौतों का ज़िम्मेदार मानते हुए तीन अभियुक्तों को चमोली पुलिस के द्वारा गिरफ़्तार कर लिया गया है। इनमें से एक एसटीपी का संचालन कर रही कंपनी का सुपरवाइजर, एक यूपीसीएल का लाइनमैन और जल संस्थान गोपेश्वर का अपर सहायक अभियंता शामिल हैं।
बता दें कि नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत हो रहे निर्माण कार्य के दौरान सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) में करंट फैलने से 16 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में विद्युत उपकरणों के संचालन में घोर लापरवाही करने वाले ज्वाइंट वेंचर कंपनी के सुपरवाइजर पवन चमोला, विद्युत विभाग की लाइनमैन महेंद्र सिंह और उत्तराखंड जल संस्थान गोपेश्वर के सहायक अभियंता हरदेव लाल आर्य को गिरफ्तार किया गया है।
दूसरी तरफ केंद्रीय पर्यटन एवं रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने एम्स पहुंचकर चमोली हादसे के घायलों का हालचाल जाना। उन्होंने एम्स निदेशक सहित हादसे के घायलों का उपचार कर रहे चिकित्सकों से गंभीर रूप से घायलों की जानकारी जुटाई। चमोली बाजार के पास अलकनंदा नदी के किनारे नमामि गंगे प्रोजेक्ट की साइट पर अचानक करंट फैल गया था। इस दर्दनाक हादसे में 16 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि कई लोग बुरी तरह झुलस गए। मृतकों में पीपलकोटी चौकी प्रभारी प्रदीप रावत और होमगार्ड मुकंदीलाल भी शामिल थे। छह लोगों को एम्स ऋषिकेश भेजा गया है। वहीं, पांच लोग जिला अस्पताल में भर्ती हैं।