उत्तराखण्ड
1 मई से उत्तराखंड के सभी विभागों में बायोमैट्रिक उपस्थिति अनिवार्य, मुख्य सचिव ने दिए सख्त निर्देश
1 मई से उत्तराखंड के सभी विभागों में बायोमैट्रिक उपस्थिति अनिवार्य, मुख्य सचिव ने दिए सख्त निर्देश
देहरादून (एटम बम न्यूज़ ब्यूरो)
उत्तराखंड शासन ने सरकारी दफ्तरों में अनुशासन और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बड़ा कदम उठाया है। मंगलवार को सचिवालय में मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में हुई सचिव समिति की बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश के सभी सरकारी विभागों में 1 मई 2025 से अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति अनिवार्य रूप से बायोमैट्रिक सिस्टम से दर्ज की जाएगी।
मुख्य सचिव ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जिन विभागों में अभी तक बायोमैट्रिक मशीनें नहीं लगी हैं या संख्या में कमी है, वे समय रहते आवश्यक तैयारियां पूरी कर लें। वहीं, पहले से स्थापित मशीनों में किसी प्रकार की तकनीकी खराबी है तो उन्हें भी तत्काल दुरुस्त करने को कहा गया है।
जनहित योजनाओं की सूची तैयार कर भेजें विभाग: मुख्य सचिव
मुख्य सचिव ने सभी विभागों को जनहित और राज्यहित में जरूरी, प्राथमिकता वाली योजनाओं की सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं ताकि उनके लिए बजट की व्यवस्था की जा सके और त्वरित स्वीकृति सुनिश्चित की जा सके। इन योजनाओं की सूची नियोजन विभाग के साथ-साथ मुख्य सचिव कार्यालय को भी भेजनी होगी।
1 करोड़ से अधिक की परियोजनाएं अब PM गतिशक्ति पोर्टल पर होंगी ट्रैक
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि एक करोड़ से अधिक लागत वाली सभी परियोजनाओं की निगरानी पीएम गतिशक्ति पोर्टल के माध्यम से की जाएगी। भविष्य में सभी EFC (Expenditure Finance Committee) की बैठकें भी इसी पोर्टल के माध्यम से संचालित होंगी। विभागीय सचिवों को इस व्यवस्था के अनुरूप तैयारी करने को कहा गया है।
इसके अलावा, सभी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट्स (DPR) अब ई-डीपीआर के रूप में तैयार की जाएंगी, ताकि योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाई जा सके। NIC से अन्य राज्यों के ई-डीपीआर मॉडल का अध्ययन कर इसे लागू करने के निर्देश भी दिए गए।
विभागीय सचिवों को अनुभागों का साल में एक बार निरीक्षण अनिवार्य
बैठक में निर्देश दिए गए कि सभी विभागीय सचिवों को सचिवालय के अनुभागों का वर्ष में कम से कम एक बार निरीक्षण करना अनिवार्य होगा। अपर सचिव, संयुक्त सचिव, उप सचिव और अनुसचिव भी अपने-अपने अनुभागों का रोस्टर के अनुसार निरीक्षण करें।
Annual Work Plan होगा अनिवार्य, सरकारी परिसम्पत्तियों की सूची अपलोड करने के निर्देश
सभी विभागों को वार्षिक कार्य योजना (Annual Work Plan) बनाने के निर्देश दिए गए ताकि विभागीय काम समयबद्ध तरीके से पूरे किए जा सकें। साथ ही, विभागों को अपनी परिसम्पत्तियों की सूची तैयार कर पूर्व निर्धारित सरकारी पोर्टल पर अपलोड करने को कहा गया है। कई विभाग पहले ही इस पोर्टल पर जानकारी अपलोड कर चुके हैं।
अचल संपत्ति का विवरण समय पर न देने वाले अधिकारियों पर सख्ती
मुख्य सचिव ने सख्ती दिखाते हुए कहा कि अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि के समय अपनी अचल संपत्ति का विवरण देना अनिवार्य है। यह पाया गया है कि कई अधिकारी यह विवरण समय से जमा नहीं कर रहे हैं। अब यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रमोशन जैसे मामलों में यह विवरण आवश्यक रूप से जमा किया गया हो।
देहरादून में राज्य संग्रहालय की तैयारी शुरू, सांस्कृतिक दलों की होगी श्रेणीबद्धता
बैठक में देहरादून में राज्य संग्रहालय की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए इस पर प्रस्ताव लाने के निर्देश दिए गए। कोलाघाट स्थित हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र के अधिकतम उपयोग की योजना बनाई जाएगी। वहीं, संस्कृति विभाग में पंजीकृत सांस्कृतिक दलों के बीच प्रतियोगिता आयोजित कर उन्हें A, B, C श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाएगा ताकि आवश्यकता अनुसार उनका उपयोग किया जा सके।
इन अधिकारी रहे बैठक में मौजूद
सचिव समिति की इस महत्वपूर्ण बैठक में विशेष प्रमुख सचिव अमित कुमार सिन्हा, सचिव शैलेश बगोली, राधिका झा, रविनाथ रमन, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, डॉ. नीरज खैरवाल, विनोद कुमार सुमन, युगल किशोर पंत, रणवीर सिंह चौहान और धीराज सिंह गर्ब्याल सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।




