उत्तराखण्ड
रामनगर-जीएमओयू प्रबंधन के बसों को रोकने के फैसले से बस मालिकों में गुस्सा, एआरटीओ से मिलकर मामले में हस्तक्षेप की मांग
जीएमओयू प्रबंधन के बसों को रोकने के फैसले से बस मालिकों में गुस्सा, एआरटीओ से मिलकर मामले में हस्तक्षेप की मांग
रामनगर: गढ़वाल मोटर ऑनर्स यूनियन लि. (जीएमओयू) के कोटद्वार कार्यालय द्वारा करीब 100 बसों के संचालन पर रोक लगाने के फैसले से बस ऑपरेटरों में भारी नाराजगी है। इस फैसले के तहत 15 साल पुरानी फिटनेस और परमिट प्राप्त बसों को रोक दिया गया है। बस ऑपरेटरों ने बुधवार को एआरटीओ रामनगर से मिलकर इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है।
रूट से हटाई गई बसों में करीब 15 बसें रामनगर से संचालित होती हैं। रामनगर स्थित सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) कार्यालय पहुंचे बस ऑपरेटरों ने एआरटीओ संदीप वर्मा को बताया कि जीएमओयू के डायरेक्टर बोर्ड ने 15 साल पुराने फिटनेस और परमिट प्राप्त बसों को कंपनी के अंतर्गत चलाने पर रोक लगा दी है। इससे आम जनता को यात्रा करने में परेशानी हो रही है और बस ऑपरेटरों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है।
बस ऑपरेटरों ने यह भी कहा कि कोई निजी कंपनी वाहनों की उम्र कैसे निर्धारित कर सकती है। यदि वाहन को फिटनेस तकनीक निरीक्षक ने सही ठहराया है, तो इसका मतलब है कि वह वाहन यात्रा मार्ग पर चल सकता है। लेकिन जीएमओयू लि. परिवहन विभाग द्वारा दिए गए फिटनेस और परमिट प्रमाणपत्र को भी नहीं मान रहा है।
एआरटीओ संदीप वर्मा ने बताया कि जीएमओयू लि. ने कई बसों को फिटनेस के नाम पर सड़क पर उतारने से मना कर दिया है। कंपनी प्रबंधन से इस बारे में जानकारी ली जाएगी कि उन्होंने ऐसा फैसला क्यों लिया।