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उत्तराखण्ड

कैबिनेट मंत्री ने ली नन्दा गौरा योजना के रजिस्ट्रेशन में हो रही दिक्कतों की जानकारी, दिए यह निर्देश

देहरादून। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने विधान सभा स्थित सभागार कक्ष में अधिकारियों के साथ महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक ली। मंत्री ने पूर्व में दिये गये निर्देशों के पालन के संबंध में विभागीय अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की तथा विभाग द्वारा संचालित महत्वाकांक्षी योजना “वात्सल्य योजना“ का लाभ ले रहे लाभार्थियों की जानकारी प्राप्त की।

उन्होंने नन्दा गौरा योजना के तहत आवेदन करने वाले लाभार्थियों के रजिस्ट्रेशन में आ रही परेशानियों के संबंध में भी सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों से जनपदवार जानकारी प्राप्त की। मंत्री ने बताया कि विभाग द्वारा 22 अक्टूबर 2023 से नन्दा गौरा योजना के तहत लाभार्थियों का आवेदन आनलाईन प्रक्रिया के माध्यम से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नन्दा योजना के प्रावधान के तहत जन्म के छः के भीतर बच्ची का रजिस्ट्रेशन किया जाना आवश्यक है। नन्दा योजना के तहत रजिस्ट्रेशन में आ रही परेशानियों के संबंध में मंत्री ने कहा कि ऐसी बालिकाएं जो पोर्टल प्रारंभ होने से पूर्व पैदा हुईं है और अपने छः माह की समयसीमा पूर्ण कर चुकी हैं, उन बालिकाओं का आवेदन ऑफलाईन के माध्यम से होगा तथा जो बालिकाएं पोर्टल प्रारम्भ होने के बाद पैदा हुईं हैं, उन बालिकाओं का आवेदन ऑनलाईन प्रक्रिया के माध्यम से ही होगा। उन्होंने वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से सम्मिलित हुए सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि आवेदन करने की प्रक्रिया के संबंध में नन्दा गौरा योजना के लाभार्थियों को व्यापक रूप से जागरूक किया जाए।

मंत्री ने कहा कि विभाग को महिला कल्याण कोष के लिए आबकारी विभाग के माध्यम से अतिरिक्त शुल्क के रूप में 08 करोड़ रूपये की धनराशि प्राप्त हुई है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि महिला सशक्तीकरण, महिलाओं को स्वरोजगार, एकल महिलाएं, महिला सुरक्षा, ऐसे बच्चे जो आपदा में अनाथ हुए हैं और दुर्घटना के कारण अनाथ हुए बच्चों को आर्थिक रूप से सहायता करना इन सभी बिन्दुओं पर विचार करते हुए 15 नवम्बर 2023 तक इस संबंध में एक प्रस्ताव और रूपरेखा बना ली जाए। मंत्री ने कहा 09 पहाड़ी जनपदों की महिलाएं जो प्रधानमंत्री आवास योजना या किसी अन्य योजना जिनके माध्यम से उनका आवास निर्माण न हो पाया हो तो ऐसी आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को छत निर्माण के लिए फैब्रिकेटेड स्ट्रक्चर के रूप में या तो धनराशि उपलब्ध करायी जाए अथवा फैब्रिकेटेड स्ट्रक्चर के रूप में दो कमरे के बराबर उनको छत मुहैया करा पायें। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि इस बिन्दु को भी प्रस्ताव में शामिल किया जाए। इस अवसर पर सचिव, महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास, हरिचन्द्र सेमवाल, निदेशक, महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास, प्रशान्त आर्य, उपनिदेशक, महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास, विक्रम सिंह तथा अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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