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उत्तराखण्ड

उत्तराखंड की कैबिनेट मंत्री ने यूपी में दर्ज कराया केस: “पति-पत्नी और वो” की दिलचस्प कहानी

उत्तराखंड की राजनीति में इन दिनों एक सनसनीखेज प्रकरण ने जोर पकड़ लिया है। प्रदेश की महिला एवं बाल कल्याण विकास मंत्री रेखा आर्य ने उत्तर प्रदेश के बरेली में एक महिला के खिलाफ चौंकाने वाला मुकदमा दर्ज कराया है। यह मामला जितना गंभीर है, उतना ही चटपटा भी, क्योंकि इसमें चोरी से लेकर धोखाधड़ी और रिश्तों की उलझनें शामिल हैं।

जी हां, हम बात कर रहे हैं रेखा आर्य और उनके पति गिरधारी लाल साहू उर्फ पप्पू के जीवन में आई एक महिला की, जिसका नाम है कल्पना मिश्रा उर्फ कल्पना चतुर्वेदी। रेखा आर्य का आरोप है कि कल्पना ने न सिर्फ उनसे सोने की चेन और सात लाख रुपये चुराए बल्कि कई अन्य गैर-कानूनी गतिविधियों में भी संलिप्त है। मामला बेहद गंभीर है और कानूनी धाराओं के तहत बरेली पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है।

चौंकाने वाला कनेक्शन: पति का व्यवसायी साथी

सूत्रों के अनुसार कल्पना मिश्रा का संबंध रेखा आर्य के पति गिरधारी लाल साहू से पहले से ही है। बताया जा रहा है कि यह महिला पहले साहू के साथ व्यावसायिक साझेदार थी। लेकिन यहां पर एक और पेच आ जाता है—साहू के नाम का प्रयोग कल्पना अपने पति के रूप में कर रही थी। यह सुनकर हर कोई हैरान है कि साहू की पहचान का दुरुपयोग कैसे और क्यों किया जा रहा है? सियासी गलियारों में तो यहां तक चर्चा है कि कहीं कल्पना साहू की ‘चौथी पत्नी’ तो नहीं?

‘उत्तराखंड शासन’ की गाड़ी और बड़ा सवाल

और तो और कल्पना मिश्रा जिस गाड़ी में बरेली में घूमती है, उस पर उत्तराखंड शासन का नाम लिखा हुआ है। सवाल यह उठता है कि उसे यह अनुमति किसने और किस आधार पर दी? उत्तराखंड सरकार के नाम का दुरुपयोग होने का संदेह भी उठ रहा है, और यह एक अलग जांच का विषय बन गया है। बरेली की गलियों में यह गाड़ी और इसकी पहचान चर्चा का विषय बन गई है,जिससे लोगों में कौतूहल और भी बढ़ गया है।

साहू की संपत्ति और ‘वो’

कहानी यहीं खत्म नहीं होती। साहू की संपत्ति पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। चर्चा है कि कल्पना ने गिरधारी लाल साहू की कुछ संपत्तियां अपने नाम करा ली हैं। अब यह रहस्य बरकरार है कि यह संपत्तियां उसने कैसे हासिल कीं? क्या इसमें साहू की सहमति थी या फिर इसके पीछे कोई और साजिश चल रही थी? इस मुद्दे पर लोग कयास लगा रहे हैं, लेकिन सच अभी तक सामने नहीं आया है।

 ‘पति-पत्नी और वो’ का जुमला

राजनीतिक गलियारों में इस पूरे मामले ने “पति-पत्नी और वो” का एक नया जुमला पैदा कर दिया है। चाय की दुकानों से लेकर सियासी बैठकों तक हर जगह इस मुद्दे पर चर्चा हो रही है। मंत्री रेखा आर्य के इस कदम से न केवल राजनीतिक हलचल बढ़ी है बल्कि उनके निजी जीवन पर भी सवाल उठ रहे हैं। लोग यह जानने को उत्सुक हैं कि क्या यह मामला केवल कानूनी लड़ाई तक सीमित रहेगा या फिर इसमें और भी गहरे राज़ सामने आएंगे?

कल्पना मिश्रा का रहस्यमयी जीवन

कल्पना मिश्रा, जो अब कल्पना चतुर्वेदी के नाम से जानी जा रही है का जीवन भी किसी रहस्य से कम नहीं है। उसकी पहचान और साहू के साथ उसके संबंधों को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। क्या वह सिर्फ एक व्यवसायिक साथी थी या फिर उसकी भूमिका इससे कहीं ज्यादा जटिल है?

बरेली के लोग और उत्तराखंड के राजनीतिक विशेषज्ञ इस मामले को बहुत ही दिलचस्पी से देख रहे हैं। हर दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं, जो इस कहानी को और भी मसालेदार बना रहे हैं।

सियासी और कानूनी लड़ाई का अंत?

फिलहाल, बरेली पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और कल्पना के खिलाफ रेखा आर्य के लगाए गए आरोपों की जांच जारी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस कानूनी और व्यक्तिगत जंग का अंत क्या होता है। क्या साहू और रेखा आर्य की शादी में दरार आई है या फिर यह सिर्फ एक राजनीतिक साजिश है?

उत्तराखंड की राजनीति में यह मामला एक लंबे समय तक चर्चा का विषय रहेगा। और जैसा कि सियासत में अक्सर होता है, हर कहानी के पीछे कई कहानियां छिपी होती हैं।

इसलिए आने वाले दिनों में इस ‘पति-पत्नी और वो’ की कहानी में और भी ट्विस्ट और टर्न देखने को मिल सकते हैं।

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