उत्तराखण्ड
श्रमिकों के संघर्ष को किया सलाम, रैली निकाल मनाया मई दिवस
श्रमिकों के संघर्ष को किया सलाम, रैली निकाल मनाया मई दिवस
रामनगर। मजदूरों के संघर्ष और बलिदान के प्रतीक मई दिवस पर मंगलवार को मई दिवस आयोजन समिति के बैनर तले एक विशाल रैली का आयोजन किया गया। यह रैली नगरपालिका प्रांगण से प्रारंभ होकर शहर के मुख्य मार्गों से होती हुई शहीद चौक लखनपुर पहुंची, जहां जनसभा में तब्दील हो गई। इस दौरान वक्ताओं ने ऐतिहासिक तथ्यों को सामने रखते हुए श्रमिकों के अधिकारों के मौजूदा हालात पर तीखी प्रतिक्रिया दी।
वक्ताओं ने बताया कि इस वर्ष भारत में मई दिवस की 102वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। इसकी शुरुआत अमेरिका के शिकागो में 1886 में श्रमिकों के अधिकारों की लड़ाई से हुई थी, जबकि भारत में इसे कॉमरेड सिंगारवेलर ने 1923 में पहली बार चेन्नई के मरीना बीच पर मनाया था। यह दिवस 8 घंटे के कार्यदिवस, समान वेतन, और श्रमिक कल्याण जैसे अधिकारों के लिए दी गई कुर्बानियों को याद करने का दिन है।
वक्ताओं ने कहा कि दुर्भाग्य से आज मई दिवस ऐसे समय पर मनाया जा रहा है जब श्रमिक वर्ग के अधिकारों पर लगातार हमले हो रहे हैं। सरकारी नीतियों के कारण बड़े पैमाने पर छंटनी, वेतन कटौती, और उद्योगों में तालाबंदी जैसी स्थितियां पैदा हो गई हैं। देश का मजदूर, किसान और मेहनतकश तबका भारी संकट से गुजर रहा है।
सभा में यह भी आरोप लगाए गए कि सरकार ने श्रमिक कल्याण के लिए बनाए गए कानूनी और संस्थागत ढांचे को खत्म करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। ई-श्रम पोर्टल को सामाजिक सुरक्षा के रूप में पेश किया जा रहा है, जबकि मनरेगा, आशा, आंगनबाड़ी, और मिड-डे मील जैसी योजनाओं के बजट में भारी कटौती कर दी गई है। वक्ताओं ने कहा कि सरकार देश की सार्वजनिक संपत्तियों को कॉरपोरेट घरानों के हाथों बेच रही है, जिससे गरीब और गरीब होता जा रहा है और अमीरों की दौलत बढ़ती जा रही है।
उन्होंने कहा कि देश में अडानी-अंबानी जैसे घरानों ने अभूतपूर्व संपत्ति अर्जित कर ली है और भारत के संसाधनों पर एकतरफा कब्जा जमा लिया है। रेलवे, सड़क, बंदरगाह, हवाई अड्डे जैसे आधारभूत ढांचे को भी नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन (NMP) के जरिए निजी हाथों में सौंपा जा रहा है, जो देश के श्रमिकों के लिए खतरे की घंटी है।
कार्यक्रम के अंत में वक्ताओं ने हाल ही में पहलगाम में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की।
इस मौके पर चंद्रबल्लभ छिमवाल, नवेंदु मठपाल, नंदराम आर्य, रोहित रुहेला, प्रभात ध्यानी, सुभाष गोला, सुमित कुमार, गिरीश आर्या, मुनीश कुमार, महेश जोशी, लालमणि, कमल किशोर वर्मा, राजेंद्र पांडे, तुलसी छीमवाल, सरस्वती जोशी, सरोज, राज पांडे, पीयूष शर्मा, प्रीति छिमवाल, शारदा देवी, बालकृष्ण चंद, नवेंदु जोशी, भुवन चंद्र सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता और नागरिक मौजूद रहे।




