उत्तराखण्ड
मुख्यमंत्री धामी ने नैनीताल दुष्कर्म पीड़िता के परिजनों को दिलाया न्याय और सुरक्षा का भरोसा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नैनीताल दुष्कर्म पीड़िता के परिजनों को दिलाया न्याय और सुरक्षा का भरोसा
परिवार से की फोन पर बात, दोषियों को कड़ी सजा दिलाने का दिया आश्वासन
नैनीताल (हल्द्वानी), 2 मई 2025।
नैनीताल में हाल ही में सामने आए दुष्कर्म मामले ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। इस गंभीर प्रकरण को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को पीड़िता के परिजनों से फोन पर बातचीत की और उन्हें हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। मुख्यमंत्री ने गहरी संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि राज्य सरकार इस दुख की घड़ी में परिवार के साथ मजबूती से खड़ी है।
मुख्यमंत्री ने नैनीताल के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिए कि पीड़िता के परिवार को तत्काल प्रभाव से सुरक्षा और प्रशासनिक सहायता उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि इस अमानवीय अपराध को अंजाम देने वाले दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। सरकार त्वरित जांच कराकर शीघ्र न्याय सुनिश्चित करेगी।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी, ताकि समाज में ऐसी घटनाओं के प्रति एक सख्त संदेश जाए। उन्होंने कहा कि यह केवल एक परिवार का नहीं, पूरे समाज का मामला है और सरकार पीड़िता के साथ पूरी संवेदना के साथ खड़ी है।
मुख्यमंत्री के निर्देशों पर जिलाधिकारी ने पीड़िता को राज्य सरकार की स्पॉन्सरशिप योजना से जोड़ने के लिए प्रोबेशन अधिकारी को आवश्यक निर्देश जारी किए हैं। साथ ही समाज कल्याण अधिकारी को पीड़िता को अनुमन्य आर्थिक सहायता की प्रक्रिया तत्काल पूरी कर उसे कल तक उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए हैं।
इसके अतिरिक्त पीड़िता और उसकी बहन की शिक्षा व्यवस्था भी सरकार अपने खर्च पर सुनिश्चित करेगी, जिससे उनका भविष्य सुरक्षित हो सके।
जिलाधिकारी और एसएसपी ने पीड़िता के परिवार से मुलाकात कर उन्हें निष्पक्ष जांच और सुरक्षा का भरोसा भी दिलाया। साथ ही जिलाधिकारी ने बताया कि नैनीताल में कानून-व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और पर्यटक पूरी तरह से सुरक्षित हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शहर का माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
यह मामला न सिर्फ कानून व्यवस्था की परीक्षा है, बल्कि मानवता और समाज के मूल्यों की भी कसौटी है। अब देखना यह है कि सरकार की ओर से दिए गए आश्वासन जमीनी हकीकत में कब और कैसे तब्दील होते हैं।




