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उत्तराखण्ड

कैरियर काउंसिलिंग में आयुक्त और आईजी ने दूर की छात्रों की शंकाएं

हल्द्वानी। एम.बी.पी.जी कालेज लालबहादुर शास्त्री सभागार में कुमाऊ आयुक्त दीपक रावत एवं आईजी नीलेश आनन्द भरणे ने दीप प्रज्वलित कर कैरियर काउसलिंग का शुभारम्भ किया एवं इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर परीक्षा की तैयारी कर रहे बच्चों द्वारा आयुक्त श्री रावत एवं आईजी श्री भरणे से परीक्षा के टिप्स के बारे में प्रश्न पूछे गये बताये तथा उनकी परेशानियांे का समाधान भी किया।

यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुये आयुक्त श्री रावत ने कहा सिविल सर्विसेज की तैयारियां केवल किताबों के द्वारा ही नही की जा सकती हैं वर्तमान जीवन में आपके साथ क्या-क्या घटित हो रहा है उन बातों का संज्ञान लेना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि परीक्षा कोई भी छोटी व बडी नही होती है परीक्षा सिर्फ परीक्षा होती है। श्री रावत ने यूपीएससी की तैयारी कर रहे बच्चों से कहा कि  तैयारी शुरू करने से पहले आपको प्री और मेन्स परीक्षा दोनों के सिलेबस को जानना चाहिए, साथ ही एक उम्मीदवार को प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा दोनों के पिछले कुछ सालों के प्रश्नपत्र पेपर को पढ़ना चाहिए।

उन्हांेने कहा नियमित रूप से अखबार पढ़ना शुरू करें. सिलेबस की मदद से संबंधित आर्टिकल्स की पहचान की जा सकती है. मुद्दों के आधार पर छोटे नोट्स बनाना बेहतर है। आयुक्त ने कहा कि यह जरूरी है कि आप कई किताबों को पढने के बजाय अपनी तैयारी को सरल रखें. केवल कम से कम और अच्छी किताबें ही पढ़ें और उन्हें कई बार एडिट करें।

उन्होंने कहा कि आप सामान्य अध्ययन और ऑप्शनल पेपर दोनों के लिए ऑनलाइन या हार्ड कॉपी में जिस तरह से भी सहज महसूस करते हैं, आप छोटे नोट्स (रिवीजन के दौरान समय बचाने में मदद करता है) बना सकते हैं। आयुक्त ने कहा बच्चों द्वारा आज परीक्षाओं के सम्बन्ध में आत्मनिर्भर सवाल पूछे गये बच्चांे का काफिडेंस काफी उच्चकोटी का है उन्होने खुशी जाहिर की। 

आईजी नीलेश आनन्द भरणे ने कहा कि यूपीएससी परीक्षा को क्लियर करने के लिए केवल किताबी कीड़ा होना पर्याप्त नहीं है। इसके लिए एक मजबूत कैरेक्टर – धैर्य, दृढ़ संकल्प, निरंतर प्रयास, आत्म-प्रेरणा और अनुशासन की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा साक्षात्कार एक व्यक्तित्व परीक्षण है। यहाँ आपके व्यक्तित्व और गुणों के विभिन्न पहलुओं जैसे कि कूटनीतिक कौशल, संचार कौशल, बुद्धि तत्परता, तनाव और दबाव में प्रतिक्रिया आदि का परीक्षण होगा।

श्री भरणे ने अपने जीवन के अंश छात्र-छात्राओं से साझा किये कि उन्हें कितनी परेशानियों से गुजरना पडा। उन्होंने कहा हमारा जब तक हम अपने मुकाम में आत्मनिर्भर नहीं होंगे तब तक हम सफलता हासिल नही कर सकते। 

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