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उत्तराखण्ड

कॉर्बेट प्रशासन का मिस मैनेजमेंट- रेस्क्यू सेंटर से बाघिन के शावक ‘लापता’ या मारकर खा गई बाघिन?

रामनगर (नैनीताल) ढेला रेस्क्यू सेंटर से बाघिन के तीन शावक “लापता” है। जिन पर उनकी देखभाल की ज़िम्मेदारी थी वह कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व कह रहा है कि बाघिन अपने शावकों को मारकर खा गई है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक ढेला स्थित कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व के रेस्क्यू सेंटर में बाघिन द्वारा अपने ही शावकों को मारकर खाने की सूचना से वन्य जीव प्रेमी सकते में हैं। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में पहले दो शावकों को बाघिन द्वारा अपना निवाला बनाए जाने की बात कही गई। दो दिन बाद फिर बताया गया कि बाघिन ने अपने तीसरे शावक को भी मार दिया है।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के हवाले से दी गई इस जानकारी पर वाइल्ड लाइफ को करीब से जानने वालो को भरोसा नहीं हो रहा है। ढेला रेस्क्यू सेंटर की यह घटना कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व के मिस मैनेजमेंट की पोल खोलती है।
सवाल खड़े उठते हैं कि क्या रेस्क्यू सेंटर में रखी गयी बाघिन को पर्याप्त भोजन उपलब्ध नहीं कराया गया, जो उसको अपने शावकों को मार कर अपनी भूख मिटानी पड़ी। शावकों को जन्म देने के बाद से बाघिन और उसके शावकों की पर्याप्त निगरानी नहीं की गयी। पहले दो शावकों को मार देने की घटना के बाद से ही उसके तीसरे शावक को बाघिन से सुरक्षित रखने की कदम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व द्वारा नहीं उठाए गए। रेस्क्यू सेंटर से बाघिन के शावक “लापता” हो गए या बाघिन सच में उनको मारकर खा गयी है, दोनों ही मामलों में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का मिस मैनेजमेंट ज़िम्मेदार है। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व ने हवाले से यही कहा जा रहा है कि बाघिन अपने पहले दो शावकों मारकर भोजन के रूप में खा गई और अब तीसरे शावक को भी उसने अपना निवाला बना डाला हैं।

आपको बता दें कि कालागढ़ रेंज से रेस्क्यू कर लाए गए बाघिन को ढेला रेस्क्यू सेंटर में रखा गया था, जहां उसने तीन शावकों को जन्म दिया था।

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संपादक –

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