उत्तराखण्ड
रस्सी का सांप बनाकर कॉर्बेट पार्क प्रशासन ने तीन को जेल भेजा
रस्सी का सांप बनाकर कॉर्बेट पार्क प्रशासन ने तीन को जेल भेजा
रामनगर (नैनीताल) सोलह जून को ढिकाला जोन में कथित रूप से जिप्सी के अवैध प्रवेश के मामले में कड़ी कार्यवाही करते हुए पार्क प्रशासन ने जिप्सी ड्राइवर और दो दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी जेल भेज दिए हैं। इस मामले में आधा दर्जन अन्य स्थानीय लोगो को अभियुक्त बनाया गया है, जिन्हें भी जेल भेजे जाने की तैयारी है।
बताया जा रहा है कि ढिकाला जोन के सैलानियों के लिए बंद होने के अगले दिन उक्त जिप्सी ने पार्क में प्रवेश किया था, जिसे वहां पार्क निदेशक ने पकड़ा था। जिप्सी चालक और सवार लोगों पर कड़े वन्यजीव कानूनों के तहत अवैध शिकार जैसी धाराएं लगाकर उन्हें वन्य जीव तस्करों की तरह कानूनी शिकंजे में लिया गया और पहले गैबुआ निवासी जिप्सी चालक मोहित बिष्ट को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया, फिर उसके बाद अपने दो डेली वेज के कर्मचारियों को अभियोग में जेल भेज दिया गया। मोहित की जमानत अस्वीकार हो चुकी है। मामले में पार्क प्रशासन द्वारा इतनी कड़ी कार्यवाही से लोग सकते में हैं और इसे लेकर तरह तरह की चर्चाएं हो रही हैं। पार्क प्रशासन की कार्यवाही का विरोध भी शुरू हो गया है।
बताया गया कि यह जिप्सी सोलह जून को बकायदा धनगढ़ी गेट पर एंट्री करवाकर भीतर गई थी, उसी दिन अन्य जिप्सियां और कैंटर भी ढिकाला गए थे, जिनकी गेट पर एंट्री दर्ज है। जिप्सी सवारों का न तो कोई अपराधिक रिकॉर्ड रहा है और ना ही उनके पास कोई ऐसे अस्त्र शस्त्र थे, जिनसे वाइल्डलाइफ को खतरा होता। बताया गया कि वह ढिकाला में भंडारे में शामिल होने और विभागीय कर्मियों की सहमति से वहां से कुछ सामान लाने भीतर जा रहे थे और सभी लोग स्थानीय थे। इसमें अवैध सफारी जैसी कोई बात ही नहीं थी। मामले में पार्क प्रशासन द्वारा गिरफ्तारी और वाइल्डलाइफ एक्ट जैसे कड़े कानून लगाकर अपनी पॉवर का बेजां इस्तेमाल किया नजर आ रहा है। इससे क्षेत्रवासी क्षुब्ध हैं।
लोगों का मानना है कि किसी भी घटना के पीछे उसके पीछे छिपे उद्देश्य को देखा जाना चाहिए, अगर अवैध शिकार का कोई मकसद नहीं था तो उन्हें कड़ी धाराएं लगाकर जेल भेजना अफसरशाही के बेलगाम होने का नमूना है।