उत्तराखण्ड
वनाग्नि से प्रभावितों को मुआवजा देने के लिए किया प्रदर्शन
रामनगर: उत्तराखंड वनों में आग लगने के कारण 10 लोगों की मृत्यु, दर्जनों लोगों के घायल होने व 17 सौ हैक्टेयर से अधिक जंगल नष्ट होने के लिए समाजवादी लोक मंच ने बृहस्पतिवार को लखनपुर में सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रदर्शन किया। मंच ने लखनपुर चौक पर धरना प्रदर्शन कर उत्तराखंड में वनाग्नि से मृतक के परिजनों को 50 लाख, घायल को 25 लाख मुआवजा व आश्रितों को नियमित नौकरी, फायर वाचर को अग्निशमन यंत्र, फायर प्रूफ वर्दी उपलब्ध कराने, फायर वाचर को नियमित नौकरी की गारंटी, वनों में आग के लिए वन मंत्री व वन अधिकारियों की जिम्मेदारी सुनिश्चित किए जाने व जनता पर आग लगाने के फर्जी मुकदमे लगाना बंद किए जाने, वनों पर जनता के हक-हकूक एवं मालिकाना हक बहाल किए जाने व योजनाबद्ध तरीके से चीड़ को हटाकर चौड़ी पत्ती के वृक्षों को लगाए जाने की मांग की। धरना स्थल पर सभा को सम्बोधित करते हुए मंच के संयोजक मुनीष कुमार ने कहा कि उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग भारत सरकार की वन एवं पर्यावरण नीति का परिणाम है। यहां पर लोग जंगल की आग और बाघ के द्वारा मारे रहे हैं परंतु सरकार चैन की नींद सो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने यदि वनों में लगी आग बुझाने के लिए वन कर्मियों व फायर वाचर को अग्निशमन यंत्र और फायर प्रूफ वर्दी उपलब्ध कराई होती तो उन्हें आग में झुलसने से बचाया जा सकता था। महिला एकता मंच की ललिता रावत ने कहा कि समूचे उत्तराखंड की जनता दुख की इस घड़ी में विनसर क्षेत्र की जनता के साथ है। सरकार एवं वन प्रशासन अपनी नाकामी पर पर्दा डालने के लिए वनों में लगी आग के लिए ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमा कायम कर रहा है जिसका राज्य की जनता पुरजोर विरोध करेगी। जमनराम आर्य ने सभा का संचालन करते हुए कहा कि उत्तराखंड में राजनेताओं और अफसरशाही का गठजोड़ हो चुका है। ये दोनों मिलकर उत्तराखंड को बरबाद कर रहे हैं। सभा को एडवोकेट ललित मोहन, व्यापार मंडल के संयोजक मनमोहन अग्रवाल, संघर्ष समिति के महेश जोशी, उपपा नेता मौ. आसिफ,किसान संघर्ष समिति के संयोजक ललित उप्रेती, कौशल्या चुनियाल, सरस्वती जोशी ने संबोधित किया। कार्यक्रम में मुकेश जोशी, भूपेन्द्र सिंह, माया नेगी, रश्मि, गुड्डी देवी, कमलेश, यशोदा, गीता, बीना, मुन्नी, नीरु रस्तोगी समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।