उत्तराखण्ड
डीएम के निर्देश- कालीचौड़ मन्दिर सड़क सुधारीकरण के लिए जल्द बनाएं प्रस्ताव
हल्द्वानी। जिलाधिकारी वंदना ने बुधवार को गौलापार खेडा एवं कुंवरपुर ग्राम पंचायतों के भ्रमण के दौरान खेड़ा स्थित कालीचौड़ मन्दिर मार्ग का निरीक्षण कर अधिकारियों को मौके पर आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
खेड़ा स्थित कालीचौड़ मन्दिर निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता सिंचाई को निर्देश दिये कि मन्दिर के समीप लगभग 500 मीटर पैदल मार्ग का सुधारीकरण हेतु शीघ्र प्रस्ताव बनायें साथ ही मोटर मार्ग के लिए वन विभाग मार्ग निर्माण हेतु सहमति दे तो मार्ग का निर्माण वन विभाग से कराया जाए अन्यथा की स्थिति में उन्होंने अधिशासी अभियंता सिंचाई को निर्देश दिये कि मार्ग निर्माण हेतु वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र हेतु कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। अधिशासी अभियंता ने बताया कि मन्दिर मार्ग में गैठाणी नाले मे काजवे हेतु 12.72 लाख की धनराशि का टैंडर हो चुका है शीघ्र कार्य प्रारम्भ कर दिया जायेगा। जिलाधिकारी ने मन्दिर मार्ग में सीतावनी नाले में काजवे एवं मोटरेबल ब्रिज निर्माण के लिए तकनीकी संस्था से समन्वय कर स्टीमेट बनाया जाए।
जिलाधिकारी के मन्दिर पहुचने पर मन्दिर के स्टाफ एवं पुजारी जो रात्रि में मन्दिर में निवास करते है उन्होंने जिलाधिकारी से अनुरोध किया कि मन्दिर के आसपास के क्षेत्र में फैंन्सिग वायर एवं सोलार लाईट लगाने का अनुरोध किया। जिस पर जिलाधिकारी ने विभाग को उक्त हेतु प्रस्ताव बनाने के आदेश दिए। इसके पश्चात जिलाधिकारी वंदना ने किसान सेवा सहकारी समिति कुंवरपुर मंे उत्तराखण्ड सहकारी संघ (यूसीएफ) द्वारा लगाये गये धान क्रय केन्द्र एवम सहकारी समिति के कार्यों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होने कहा कि क्रय केंद्र पर सरकार की और से किसानों को दी जाने वाली सुविधाएं नोटिस बोर्ड पर दर्शाई जाएं और साथ ही हेल्पलाइन नंबर भी अंकित किए जाएं जिससे किसानों को किसी भी असुविधा की स्थिति में सहायता प्रदान की जा सके ।उन्होने सम्बन्धित तहसीलदार को निर्देश दिये कि सभी क्रय केन्द्रों पर नमी मापक यंत्र, कॉटा, पीने के लिये पानी के साथ ही किसानों को क्रय केन्द्र में मूलभूत आवश्यक व्यवस्था का सत्यापन करना सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड सहकारी संघ द्वारा किसानों को क्रय केन्द्रों पर दी जाने वाली सुविधाओं का फ्लैक्सी भी लगाना सुनिश्चित करें । उन्होंने कृषि अधिकारी को निर्देश दिये कि जनपद के प्रगतिशील किसानों से वार्ता कर अन्य किसानों के साथ गोष्ठी की जाए ताकि अन्य किसान अपनी फसल से कम लागत में तकनीक इस्तेमाल कर अच्छी उपज ले सकें। उन्होंने कहा कि किसानों को नैनो डीएपी, यूरिया उर्वरक के इस्तेमाल से उर्वरक के लागत में कमी, पैदावार अधिक, व प्रदूषण का प्रभाव भी कम होता है साथ ही भूमि की उर्वरक शक्ति को कोई नुकसान नही होता है। इसके लिए कृषि विभाग किसानों के मध्य गोष्ठियों का आयोजन कर किसानों को नैनो उर्वरक के बारे में जागरूक करना सुनिश्चित करें। किसान सेवा सहकारी समिति कुंवरपुर के निरीक्षण के दौरान समिति द्वारा बताया गया कि समिति में कुल 2727 सदस्य है जिनमें से 1893 सक्रिय सदस्य है तथा 484 सदस्यों ने शून्य प्रतिशत पर ऋण लिया है। समिति में शतप्रतिशत लोगों द्वारा ऋण/अनुदान जो सदस्य को दिया गया था समिति को समय पर वापस कर दिया है केवल एक सदस्य डिफाल्टर है उसे नोटिस देकर सूचित कर दिया है।