उत्तराखण्ड
बिंदुखत्ता में किसानों का हुंकार – राजस्व गांव की अधिसूचना जारी करो, आवारा गोवंश की समस्या का स्थाई समाधान दो!
लालकुआं (नैनीताल)।
बिंदुखत्ता को राजस्व गांव घोषित करने की अधिसूचना और आवारा गोवंश की समस्या के स्थाई समाधान की मांग को लेकर किसान महासभा के नेतृत्व में सोमवार को शहीद स्मारक परिसर में विशाल प्रदर्शन और जनसभा आयोजित की गई। प्रदर्शन में शामिल सैकड़ों ग्रामीणों ने राज्य सरकार पर जनविरोधी रवैया अपनाने का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि यदि मांगें नहीं मानी गईं तो सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन होगा।
इस जनसभा को संबोधित करते हुए भाकपा (माले) उत्तराखंड राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी ने तीखा हमला करते हुए कहा कि “भाजपा सरकार गरीबों को उजाड़ने वाली सरकार है। यह बिना संघर्ष के बिंदुखत्ता को राजस्व गांव नहीं बनाएगी।” उन्होंने कहा कि दो-दो मुख्यमंत्रियों द्वारा घोषणा के बावजूद अब तक अधिसूचना जारी नहीं होना सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा करता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी लाल किले से 2047 तक सबको छत देने की बात करते हैं लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि गरीबों के घर बुलडोजर से गिराए जा रहे हैं। बिंदुखत्ता की जनता पहले भी हर विकास कार्य संघर्ष से हासिल करती आई है, और यह लड़ाई भी संघर्ष से ही जीती जाएगी।
किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनंद सिंह नेगी ने कहा कि आवारा गोवंश की समस्या सरकार की देन है, लेकिन इसके समाधान को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि “गोवंश आज किसानों के लिए अभिशाप बन चुका है। खेतों की फसलें तबाह हो रही हैं, सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं और पशुपालक आर्थिक रूप से टूट चुके हैं।” उन्होंने बताया कि 18 सितंबर 2024 को ‘सरकारी आवारा गोवंश सरकार के हवाले करो’ आंदोलन के तहत तहसील में गोवंश छोड़ा गया था, लेकिन आज तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला।
प्रदर्शन में उठीं यह मुख्य मांगें:
प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री को संबोधित आठ सूत्रीय ज्ञापन उपजिलाधिकारी लालकुआं के प्रतिनिधि को सौंपा गया, जिसमें निम्नलिखित मांगें शामिल थीं:
- बिंदुखत्ता को राजस्व गांव घोषित करने की अधिसूचना तुरंत जारी की जाए।
- गोवंश की सरकारी कीमत तय कर पशुपालकों से खरीद की गारंटी दी जाए या गोवंश संरक्षण कानून रद्द किया जाए।
- आवारा गोवंश से हुई दुर्घटनाओं में मृतकों के परिजनों को ₹50 लाख और घायलों को ₹10 लाख का मुआवजा दिया जाए।
- फसलों को हुए नुकसान का समुचित मुआवजा किसानों को दिया जाए।
- तहसील लालकुआं क्षेत्र में आवारा गोवंश को तत्काल हटाकर दूसरी जगह व्यवस्था की जाए।
- निजी गोशालाओं की मनमानी और वसूली पर रोक लगे, प्रशासन इनके कुप्रबंधन पर कार्रवाई करे।
- मजबूरी में पशु छोड़ने वाले पशुपालकों पर लगाए गए गैंगस्टर एक्ट को तुरंत रद्द किया जाए।
- सभी पशुपालकों को गोशालाओं की तर्ज पर पालन-पोषण धनराशि और चारा सब्सिडी दी जाए।
चेतावनी: होगा निर्णायक जनांदोलन
सभा में चेतावनी दी गई कि यदि मांगे नहीं मानी गईं तो बिंदुखत्ता की जनता अनिश्चितकालीन जनांदोलन शुरू करने को बाध्य होगी। यह आंदोलन तब तक चलेगा जब तक बिंदुखत्ता को राजस्व गांव घोषित नहीं कर दिया जाता और आवारा गोवंश की समस्या का स्थाई समाधान नहीं निकलता।
सभा में शामिल रहे ये प्रमुख चेहरे:
सभा की अध्यक्षता वरिष्ठ नेता बहादुर सिंह जंगी और संचालन विमला रौथाण ने किया। प्रमुख वक्ताओं में इंद्रेश मैखुरी, आनंद सिंह नेगी, भुवन जोशी, चंदन राम, डा. कैलाश पांडेय, आनंद सिंह सिजवाली, वेद प्रकाश, पंकज चौहान, किशन बघरी, राजेंद्र सिंह बोरा, प्रभात पाल सहित दर्जनों सामाजिक कार्यकर्ता शामिल रहे। ग्रामीणों के साथ-साथ पूर्व सैनिक संगठन के इंद्र सिंह पनेरी और कुंदन सिंह मेहता ने भी समर्थन जताया।
यह प्रदर्शन सिर्फ बिंदुखत्ता की नहीं, पूरे राज्य की उपेक्षित जनता की आवाज है। यदि सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया, तो अगली लड़ाई सड़कों पर निर्णायक होगी।







