उत्तराखण्ड
रामनगर में बुलडोजर राज के खिलाफ उपवास, सरकार से मांगों का ज्ञापन सौंपा
रामनगर (नैनीताल) –भारतीय जनता पार्टी के बुलडोजर राज के खिलाफ संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर ग्राम पूछड़ी, कालू सिद्ध और जन संगठनों के कार्यकर्ताओं ने उप जिलाधिकारी कार्यालय में उपवास रखा और मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में सरकार से मांग की गई है कि वह उत्तराखंड में लोगों के घरों को तोड़ने की कार्रवाई पर तुरंत रोक लगाए, सभी वन ग्रामों को राजस्व ग्राम का दर्जा दे, जंगल के काले कानून भारतीय वन अधिनियम, 1927 उत्तरांचल संशोधन 2001 को रद्द करे और लोगों को उनके निवास स्थलों पर ही मालिकाना हक प्रदान करे।
वक्ताओं ने अपने संबोधन में बताया कि भाजपा सांसद अनिल बलूनी ने चुनाव से पहले सभी वन ग्रामवासियों को बिजली, पानी और राजस्व ग्राम का दर्जा दिलाने का वादा किया था। लेकिन भाजपा सत्ता में आते ही अपने वादों को भूल गई और लोगों को बेघर करने पर आमादा हो गई है। वक्ताओं ने यह भी कहा कि वनाधिकारियों को न्यायालय के अधिकार देने वाले काले कानून को तत्काल रद्द करना चाहिए, जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 50 का उल्लंघन करता है।
संघर्ष समिति ने जनता को आश्वासन दिया कि बुलडोजर राज के खिलाफ उनका संघर्ष जारी रहेगा। आगामी रणनीति तय करने के लिए 4 नवंबर को व्यापार भवन में समिति की बैठक होगी। इस सभा में महिला एकता मंच की ललिता रावत, रेनू, सरस्वती, उपपा नेता प्रभात ध्यानी, आसिफ अली, इंकलाबी मजदूर केंद्र के रोहित महिला, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की तुलसी सिंबल, आइसा के सुमित, भाकपा-माले के अमन, मोहनराम, किसान संघर्ष समिति के ललित उप्रेती और ठेका मजदूर कल्याण समिति के कई अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।