उत्तराखण्ड
महिलाओं से की करोड़ों की धोखाधड़ी, कमिश्नर ने दिए जाँच के आदेश
6-7 करोड़ की धोखाधड़ी का खुलासा, 50 से अधिक पीड़ितों ने की कार्रवाई की मांग
हल्द्वानी, 10 दिसंबर 2024
हल्द्वानी के कैंप कार्यालय में मंगलवार को आयोजित जनसुनवाई के दौरान एक सनसनीखेज मामला सामने आया, जिसमें 6 से 7 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। यह मामला समूह के नाम पर 50 से अधिक व्यक्तियों से धोखाधड़ी का है। शिकायतकर्ताओं ने कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत से गुहार लगाई कि दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए।
क्या है मामला?
रामपुर रोड निवासी भारती चोपड़ा और उनके पति विकास चोपड़ा पर आरोप है कि वे एक समूह संचालित करते थे, जिसमें सदस्यों से नियमित धनराशि जमा कराई जाती थी। इस समूह के तहत जमा धनराशि पर मोटे ब्याज का प्रलोभन दिया जाता था, जिससे कई महिलाएं और अन्य लोग इसमें जुड़ गए।
शिकायतकर्ताओं ने बताया कि वे 2016 से इस समूह में धन जमा कर रहे थे। पीड़ितों में से कुछ ने 20 लाख, 34 लाख, 7.45 लाख और 14 लाख रुपये तक जमा किए। धीरे-धीरे, समूह में 50 से अधिक व्यक्तियों ने कुल 6 से 7 करोड़ रुपये जमा कर दिए।
धोखाधड़ी के आरोप और कार्रवाई की मांग
शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि भारती चोपड़ा और विकास चोपड़ा ने अब धन लौटाने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि ये दोनों ना तो फोन कॉल्स का जवाब दे रहे हैं और ना ही कोई संतोषजनक उत्तर दे रहे हैं। इससे संदेह गहरा हो गया है कि वे शहर छोड़कर फरार होने की फिराक में हैं।
कुमाऊं आयुक्त के समक्ष पीड़ित महिलाओं ने भावुक अपील करते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने जोर देकर कहा कि दोनों पर मुकदमा दर्ज कर उन्हें तत्काल गिरफ्तार किया जाए ताकि वे भाग न सकें और पीड़ितों का पैसा वापस मिल सके।
कुमाऊं आयुक्त का आश्वासन
कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने शिकायतकर्ताओं की बात गंभीरता से सुनी और उन्हें निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि मामले की विस्तृत जांच कर तत्काल रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
न्याय की उम्मीद में पीड़ित
इस धोखाधड़ी ने हल्द्वानी के निवासियों को झकझोर कर रख दिया है। यह मामला न केवल आर्थिक नुकसान का है, बल्कि भरोसे के साथ की गई गहरी चोट का भी है। अब सभी की निगाहें प्रशासन पर हैं कि पीड़ितों को कब और कैसे न्याय मिलेगा।
हल्द्वानी की यह घटना निवेश के नाम पर हो रही धोखाधड़ी के खिलाफ सतर्क रहने की सख्त जरूरत को रेखांकित करती है।