उत्तराखण्ड
कूड़ा गाड़ी बनी चरस की तस्करी का जरिया! भीमताल पुलिस ने नगर निगम के वाहन से पकड़ी चरस, चालक गिरफ्तार
कूड़ा गाड़ी बनी चरस की तस्करी का जरिया! भीमताल पुलिस ने नगर निगम के वाहन से पकड़ी 159 ग्राम चरस, चालक गिरफ्तार
नैनीताल जिले के भीमताल में चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां नगर निगम की कूड़ा गाड़ी को चरस तस्करी के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। पुलिस ने वाहन चालक को गिरफ्तार कर वाहन को सीज कर लिया है।
कैसे हुआ खुलासा?
एसएसपी नैनीताल प्रहलाद नारायण मीणा के निर्देशानुसार जिले में नशे के खिलाफ सख्त चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में एसपी क्राइम/ट्रैफिक श्री जगदीश चंद्रा, सीओ भवाली श्री प्रमोद साह और थानाध्यक्ष भीमताल श्री विमल कुमार मिश्रा के नेतृत्व में पुलिस टीम ने भीमताल से हल्द्वानी की ओर जा रहे नगर निगम के वाहन (UK 04CB 5362 कॉम्पैक्टर डंपर) को चेकिंग के लिए रोका।
जैसे ही पुलिस ने वाहन की तलाशी ली, उसमें 159 ग्राम अवैध चरस बरामद हुई। यह खुलासा पुलिस के लिए भी हैरान करने वाला था, क्योंकि कूड़ा उठाने वाले सरकारी वाहन से नशे की तस्करी की जा रही थी।
वाहन चालक गिरफ्तार, निगम की भूमिका पर सवाल
मौके पर ही वाहन चालक मनोज कुमार (29 वर्ष), निवासी फ्रेंड्स कॉलोनी, देवलचौड़, हल्द्वानी को गिरफ्तार कर लिया गया। उसके खिलाफ थाना भीमताल में NDPS एक्ट की धारा 08/20/60 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
नगर निगम का वाहन नशे की तस्करी के लिए कैसे इस्तेमाल किया जा रहा था, क्या इसमें कोई और लोग भी शामिल हैं, इसकी जांच जारी है। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि यह नेटवर्क कितना बड़ा है और क्या यह पहली बार हुआ या इससे पहले भी इस वाहन का गलत इस्तेमाल किया जा चुका है।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई, गिरफ़्तारी टीम का सराहनीय काम
इस पूरी कार्रवाई में भीमताल पुलिस की टीम का बड़ा योगदान रहा। गिरफ़्तारी में शामिल पुलिसकर्मी:
- उपनिरीक्षक गुरविंदर कौर
- हेड कांस्टेबल हुकुम सिंह
- कांस्टेबल संजय नेगी
- कांस्टेबल नरेश परिहार
बड़ा सवाल – क्या सरकारी गाड़ियां भी नशा माफिया के निशाने पर?
यह घटना सिर्फ एक गिरफ्तारी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सिस्टम की एक बड़ी खामी को उजागर करती है। नगर निगम के वाहन का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों में होना यह दिखाता है कि नशे के सौदागर अब सरकारी संसाधनों का भी गलत फायदा उठाने लगे हैं।
क्या इस खेल में निगम के कुछ लोग भी शामिल हैं? यह जांच का विषय है। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि यह गिरोह कितना बड़ा है और इस मामले में कौन-कौन संलिप्त हो सकता है।
नशे के खिलाफ अभियान तेज़
एसएसपी नैनीताल प्रहलाद नारायण मीणा ने साफ कहा है कि जिले में नशे के खिलाफ अभियान और तेज़ किया जाएगा। सभी थाना प्रभारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने क्षेत्रों में अवैध मादक पदार्थों की तस्करी पर नकेल कसें और दोषियों को गिरफ्तार करें।
अब बड़ा सवाल – क्या निगम की गाड़ियां बिना जांच के चल रही हैं?
इस घटना ने नगर निगम की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर कैसे एक सरकारी वाहन का इस्तेमाल नशे की तस्करी में किया जा रहा था? क्या वाहन की कोई मॉनिटरिंग नहीं होती?
इस पूरे मामले में नगर निगम की भूमिका भी जांच के दायरे में आ सकती है। आने वाले दिनों में यह साफ होगा कि यह महज एक इत्तेफाक था या फिर नगर निगम की गाड़ियां पहले भी इस तरह के अवैध कामों में इस्तेमाल होती रही हैं।




