उत्तराखण्ड
केदारनाथ आपदा के 9 साल बाद श्रद्धालुओं को प्राप्त होगी पहले जैसी अनुभूति
केदारनाथ में आपदा के 9 सालों के बाद मंदिर के प्रवेश द्वार पर 55 किलो वजनी घंटा स्थापित कर दिया गया।
बता दें कि आपदा के बाद केदारनाथ धाम में मंदिर परिसर में चौड़ीकरण के साथ ही उसका विस्तारीकरण भी कर दिया गया लेकिन प्रवेश द्वार का पुनर्निर्माण नहीं हो पाया था। मगर अब केदारनाथ मंदिर के प्रवेश द्वार पर श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की ओर से विधि-विधान पूर्वक 55 किलो वजनी घंटा स्थापित कर दिया गया है
जिससे श्रद्धालुओं में हर्षोल्लास का माहौल है। दरअसल वर्ष 2013 की आपदा में मंदिर के प्रवेश द्वार के साथ ही घंटा भी बह गया था। तब से ही तीर्थ पुरोहित प्रवेश द्वार का पुनर्निर्माण कर उस पर घंटा स्थापित करने की मांग कर रहे थे।
बता दें कि 2013 में केदारनाथ में भारी तबाही मची थी। पूरी केदारनगरी आपदा की भेंट चढ़ गई थी। केवल इतना ही नहीं मंदिर के बाहरी हिस्से और प्रांगण को भी क्षति पहुंची थी।
आपदा से पहले केदारनाथ मंदिर में प्रवेश करने के लिए एक बड़ा सा प्राचीन द्वार था और इस प्रवेश द्वार पर एक बड़ा घंटा लगा हुआ था। घंटा बजाते हुए श्रद्धालु प्रवेश करते थे।
आपदा के बाद पूरी केदारनगरी का कायाकल्प हुआ। केदारनाथ धाम के स्वरूप को भी बदला गया जिसके बाद केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित मंदिर प्रांगण में प्रवेश द्वार के साथ ही उस पर घंटी लगाने की मांग कर रहे थे। आखिरकार प्रवेश द्वार के साथ घंटा मंदिर के ठीक सामने लगाया गया है।
मंदिर समिति के प्रशासनिक अधिकारी युद्धवीर सिंह पुष्पवाण ने जानकारी देते हुए बताया कि हाल ही में मंदिर के सामने अस्थायी प्रवेश द्वार तैयार कर दिया गया है, जिस पर मंदिर समिति की ओर से विधिवत पूजा-अर्चना के बाद घंटा स्थापित किया गया है।