उत्तराखण्ड
आखिर कैसे नदी की दूसरी और रहने वाले श्यामू को मिली उत्तरकाशी हादसे की सूचना,पढे खबर
उत्तरकाशी।यहां पर हुए हादसे के बाद उससे जुड़े कई तथ्य सामने आ रहें हैं। इसके साथ ही कई सवाल भी उठ रहें हैं। उत्तरकाशी हादसे की सूचना सबसे पहले नदी दी दूसरी ओर रहने वाले श्यामू नाम के शख्स को मिली। दरअसल पौन सात बजे जहां हादसा हुआ उसकी दूसरी तरफ जौनसार का कोटा गांव का इलाका लगता है और वहां श्यामू नाम का एक शख्स छानी में बैठा था। उसी ने बस को गिरते हुए देखा। इसके बाद उसने दुर्घटना स्थल से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर होटल चलाने वाले वीरेंद्र पंवार को सूचना दी गई। वीरेंद्र पंवार ने आसपास के लोगों को बताया और सभी दुर्घटना स्थल की ओर बढ़ चले।
दुर्घटना के बाद सबसे पहले स्थानीय लोग ही खाई में उतरे और उन्होंने स्थानीय प्रशासन को जानकारी दी। स्थानीय लोगों ने घायलों को देख लिया था लेकिन उनके पास ऐसी व्यवस्था नहीं थी कि वो घायलों को बाहर निकाल पाते। ऐसे में वो चाह कर भी कुछ कर नहीं पा रहे थे।
वहीं इस बस के साथ ही इनके ही टीम की एक और बस भी आगे आगे चल रही थी। हादसे के समय आगे वाली बस लगभग 15 किमी आगे निकल चुकी थी। हादसे में घायल एक शख्स ने आगे वाली बस में सवार एक व्यक्ति को हादसे की जानकारी दी। इसके बाद आगे वाली बस भी वापस लौट कर आई।
कैसे हुआ हादसा?
इस हादसे में बस का ड्राइवर घायल है और अस्पताल में एडमिट है। बस ड्राइवर की माने तो हादसा सामने से आए तेज रफ्तार वाहन को बचाने के चक्कर में हुआ लगता है। सामने से आ रहे वाहन को पास देने के चक्कर में ड्राइवर का स्टियरिंग पर नियंत्रण नहीं रहा। ड्राइवर की माने तो उसने बस को पहाड़ की तरफ लाने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो सका। बस के पहिए घिसटते हुए खाई की ओर चले गए।
वहीं शुरुआती जांच में बस के सभी दस्तावेज दुरुस्त मिले हैं। लेकिन इसके बावजूद सीएम ने घटना के मजिस्ट्रेट से जांच कराने के आदेश दिए हैं।
सीएम धामी डटे, शिवराज भी पहुंचे
हादसे की सूचना मिलने के बाद से ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देहरादून सचिवालय स्थित आपदा कंट्रोल रूम में पहुंच गए और रेस्क्यू कार्यों का अपडेट लेते रहे। एक एक बात की डिटेल जानकारी लेते रहे। इसके साथ ही रात में ही एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी उत्तराखंड आ गए और वो भी राहत बचाव कार्यों का अपडेट लेते रहे। इसके बाद दोनों ही मुख्यमंत्री सुबह मौके पर पहुंचे।
भयावह था मंजर
इस हादसे के बाद का मंजर बेहद भयावह था। 400 फिट गहरी खाई में गिरी बस के परखच्चे उड़ चुके थे। बस अलग अलग हिस्सों में बंट गई थी। हालात ये हुए कि बस में सवार लोगों के शव झाड़ियों पर पेड़ों पर लटके पड़े थे। बस में सवार लोगों के सामान पूरी इलाके में फैले पड़े थे। बताते हैं कि जब स्थानीय लोग खाई में उतरे तो कुछ लोगों की सांसें चल रहीं थीं। कुछ एक ने मदद के लिए गुहार भी लगाई।