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उत्तराखण्ड

पर्यटकों के लिए खोल दी गई फूलों की घाटी

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पर्यटकों के लिए खोल दी गई फूलों की घाटी
पर्यटकों को हिमखंडों के बीच से होकर गुजरना होगा
देहरादून। विश्व धरोहर फूलों की घाटी आज बृहस्पतिवार को पर्यटकों के लिए खोल दी गई है। घाटी के पैदल रास्ते पर दो जगह पर भारी हिमखंड पसरे हैं। पर्यटकों को हिमखंडों के बीच से ही होकर गुजरना होगा। 87.50 वर्ग किमी में फैली फूलों की घाटी हर साल पर्यटकों के लिए एक जून से खोल दी जाती है और 31 अक्तूबर को बंद कर दी जाती है। इस अवधि में यहां देश-विदेश से पर्यटक आकर घाटी की प्राकृतिक सुंदरता और करीब 600 प्रजाति के फूलों का दीदार करते हैं। यहां मुख्य रूप से ब्रह्मकमल, फेनकमल, ब्लूपॉपी, मारीसियस, मैरीगोल्ड, गोल्डन रॉड, जैस्मिन, रोवन, हेलमेट प्लावर, गोल्डन लीली सहित कई फूल खिलते हैं। इसके साथ ही यहां दुलर्भ प्रजाति के वन्य जीव हिम तेंदुआ, हिमालयन काला भालू, मोनाल, जंगली बिल्ली, कस्तूरी मृग आदि भी विचरण करते रहते हैं। नंदादेवी राष्ट्रीय पार्क के डीएफओ बीबी मारतोलिया का कहना है कि घाटी एक जून को खोल दी जाएगी। दो जगह पर हिमखंडों को काटकर रास्ता बनाया गया है।
फूलों की घाटी को 2004 में यूनेस्को ने विश्व प्राकृतिक धरोहर घोषित किया था। 87.5 किलोमीटर में फैली घाटी जैव विविधता का खजाना है। यहां पर दुर्लभतम प्रजाति के फूल, पशु-पक्षी, जड़ी-बूटी और वनस्पतियां पाई जाती हैं। यहां प्राकृतिक रूप से 500 से अधिक प्रजातियों के फूल खिलते हैं। देश विदेश से हर साल हजारों पर्यटक घाटी का दीदार करने आते है.

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