उत्तराखण्ड
रामनगर में युवती का ड्रामा:पारिवारिक विवाद को सांप्रदायिक मसले में तब्दील करने की नाकाम कोशिश!
रामनगर (नैनीताल):उत्तराखंड के रामनगर में यूपी से आई एक युवती ने अपने पति पर किडनैपिंग का आरोप लगाकर न केवल पुलिस और प्रशासन को मुश्किल में डाला, बल्कि हिंदू-मुस्लिम विवाद की चिंगारी भी भड़काने की नाकाम कोशिश हुई । घटना के बाद हिंदूवादी संगठनों ने इसे सांप्रदायिक मुद्दा बनाकर कोतवाली में जमकर हंगामा किया।
घटना की पृष्ठभूमि
सूत्रों के मुताबिक, ताबित असगर और पल्लवी, जो पति-पत्नी हैं, नैनीताल घूमने आए थे। लेकिन यहां पल्लवी ने अचानक दावा किया कि ताबित ने उसे किडनैप कर होटल में बंधक बना रखा था। यह सूचना मिलते ही हिंदूवादी संगठनों से जुड़े लोग हरकत में आ गए। उन्होंने पहले ताबित पर हाथ उठाया और फिर पुलिस को मौके पर बुलाया।
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि ताबित और पल्लवी ने कुछ साल पहले रजामंदी से शादी की थी। शादी से पहले दोनों के बीच लंबे समय तक दोस्ती रही। हालांकि, शादी के बाद उनके रिश्ते में खटास आने लगी और झगड़े बढ़ गए। इसी के चलते पल्लवी ने गौतम बुद्ध नगर के एक थाने में ताबित के खिलाफ शिकायत भी दर्ज करवाई थी, लेकिन बाद में दोनों में सुलह हो गई।
शादी का सच
पूछताछ के दौरान पल्लवी ने अपनी शादी की बात छुपाने की कोशिश की और फिर दावा किया कि उसे यह नहीं पता था कि ताबित मुस्लिम है। यह बयान सवालों के घेरे में है, क्योंकि दोनों की दोस्ती और शादी लंबी अवधि की आपसी सहमति पर आधारित थी।
ताबित के मुस्लिम और पल्लवी के हिंदू होने की वजह से मामला तेजी से सांप्रदायिक रंग ले गया। हिंदूवादी संगठनों से जुड़े कुछ लोगों ने इसे ‘लव जिहाद’ का मुद्दा बनाकर कोतवाली में हंगामा किया।
पुलिस ने दोनों को कोतवाली लाकर पूछताछ शुरू कर दी है और युवती के परिजनों को बुलाया है।
समाज को बांटने की कोशिश या निजी विवाद का तमाशा?
यह घटना केवल एक पारिवारिक विवाद थी, लेकिन इसे सांप्रदायिक मसले में तब्दील करने नाकाम कोशिश की गई। पल्लवी के अचानक लगाए गए आरोप और इस पर कुछ स्थानीय कुछ लोगों की सक्रियता कई सवाल खड़े करती है।
सामाजिक ताने-बाने को नुकसान
ऐसी घटनाएं न केवल व्यक्तिगत स्तर पर रिश्तों को तोड़ती हैं, बल्कि समाज में सांप्रदायिक खाई को भी गहरा करती हैं। सवाल यह है कि क्या इस तरह के विवादों को सुलझाने के लिए कानूनी प्रक्रिया पर्याप्त है, या समाज को इससे सीख लेकर अपनी भूमिका निभानी चाहिए?
(इसी कार से घूमने आये थे दोनों)
रामनगर की यह घटना बताती है कि कैसे निजी विवादों को सांप्रदायिक मुद्दा बनाकर राजनीतिक और सामाजिक एजेंडा साधने की कोशिशें हो रही हैं। पुलिस और प्रशासन को चाहिए कि वे इस मामले की निष्पक्ष और तेज जांच करें, ताकि सच्चाई सामने आ सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जा सकें। कानून के राज को बरकरार रखना ही समाज की भलाई के लिए जरूरी है।