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हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी — गौमांस प्रकरण में राजनीतिक रसूखदार अभियुक्त पर कार्रवाई में लापरवाही, SSP नैनीताल और थानाध्यक्ष रामनगर को तलब

हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी — गौमांस प्रकरण में राजनीतिक रसूखदार अभियुक्त पर कार्रवाई में लापरवाही, SSP नैनीताल और थानाध्यक्ष रामनगर को तलब

रामनगर/नैनीताल। कथित गौमांस के आरोप में हुई घटना के मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली पर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है। अदालत ने राजनीतिक रसूखदार अभियुक्त के प्रति बरती जा रही लापरवाही पर सवाल उठाते हुए थानाध्यक्ष रामनगर और एसएसपी नैनीताल को सोमवार को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए हैं।

अदालत में सुनवाई के दौरान पुलिस के अधिवक्ता ने बताया कि इस प्रकरण में कुल 31 अभियुक्तों की पहचान की जा चुकी है, जिनमें से 8 को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि मुख्य अभियुक्त मदन जोशी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया है।

वहीं, याची की ओर से यह तर्क दिया गया कि मुख्य अभियुक्त ने घटना का सीधा प्रसारण (Live Streaming) किया था और अपने फेसबुक पोस्ट के ज़रिए भीड़ को उकसाया था। इसके बावजूद, उसके खिलाफ वारंट जारी होने के बाद भी वह लगातार सोशल मीडिया पर सक्रिय है, और पुलिस उस पर जानबूझकर नरमी बरत रही है ताकि उसे किसी न्यायालय से राहत मिल सके।

याची ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस की कार्रवाई केवल उन्हीं युवकों पर हुई है जिनकी कोई राजनीतिक पहुंच नहीं है, जबकि घटना को उकसाने वाले प्रभावशाली लोग अभी तक खुलेआम घूम रहे हैं।

इस पर हाईकोर्ट ने पूरे मामले का गंभीर संज्ञान लेते हुए पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े किए और थानाध्यक्ष रामनगर की लापरवाही पर सख्त नाराजगी जताई। अदालत ने स्पष्ट आदेश दिया कि एसएसपी नैनीताल और थानाध्यक्ष रामनगर दोनों सोमवार को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश हों और अपनी स्थिति स्पष्ट करें।

इस आदेश के बाद रामनगर पुलिस प्रशासन में हलचल मच गई है। माना जा रहा है कि अदालत आगामी सुनवाई में इस मामले में पुलिस की भूमिका और राजनीतिक दबाव के पहलुओं पर भी सख्ती दिखा सकती है।

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