उत्तराखण्ड
उभरती महिला उद्यमिता की पहचान: डब्ल्यू आर सी कानियां
उभरती महिला उद्यमिता की पहचान: डब्ल्यू आर सी कानियां
रामनगर।डब्ल्यू आर सी कानिया हेस्को के तत्वावधान में आरम्भ किया गया महिला सशक्तिकरण का एक प्रयोग है जिसके तहत स्थानीय ग्रामीण महिलाओं को खाद्य प्रसंस्करण में प्रशिक्षण प्रदान कर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जाता है। हेस्को की महिला शाखा वाइस, आईसीआई सीआई फाउंडेशन के सहयोग व कल्पतरु के स्थानीय मार्गदर्शन में डब्ल्यू आर सी कानिया विगत लगभग दो वर्ष से निरंतर कार्य कर रहा है।
डब्ल्यू आर सी कानिया में आज कुल बारह महिलाएं प्रत्यक्ष व लगभग पच्चीस महिलाएं अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ी हुई हैं। यह टीम कई तरह के अचार, जूस, स्क्वाश, मुरब्बा, कैंडी, पहाड़ी नमक, बिस्किट्स आदि उत्पाद तैयार कर रही हैं। रामनगर में पहाड़ी आर्गेनिक उत्पादों की दुकान हिमालयन टेस्ट एंड हेल्थ, ढिकुली स्थित उत्तराखंड आर्गेनिक प्रोडक्ट्स व आईरिस लाइट रिसोर्ट, कानिया व ढेला स्थित इमरानस् जंगल लॉज, हृदयभूमि, गोल्डन टस्क आदि रिसॉर्ट्स में यहाँ के तैयार उत्पाद जा रहे हैं।
इसके अलावा स्थानीय लोगों तथा पर्यटकों के द्वारा भी यहाँ तैयार उत्पाद लिए जाते हैं। समूह द्वारा गत दो वर्ष में तीन लाख से अधिक के उत्पादों की बिक्री की गई है।
समूह की सदस्य लक्ष्मी, दमयंती, विमला, चंपा, गंगा, अनिता, ममता, शिवानी, भावना, कमला, वन्दना, भगवती, हेमा, लता, ममता, ज्योती आदि महिलाएं इसमे शामिल हैं। इनसे प्रेरित होकर अन्य गांव की माहिलाएं इनसे जुड़ रही हैं और यहां प्रशिक्षण पाकर खुद को सशक्त महसूस कर रही हैं।
इस वर्ष उत्तराखंड पेट्रोलियम कॉलेज देहरादून के चार छात्र अमीषा (बी.एस.सी. माइक्रोबायोलॉजी), ललित (बी.एस.सी. मैथ्स) राहुल (बी.एस.सी. जियोलॉजी) और विहांग (बीटेक कंप्यूटर साइंस) हेस्को के माध्यम से सोशलवर्क में इंटर्नशिप के लिए डब्ल्यू आर सी कानिया भेजे गए हैं जहाँ इन छात्रों के द्वारा समूह की कार्यप्रणाली समझी व दैनिक कार्यकलापों में समूह सदस्यों के साथ प्रतिभाग किया।
भारत की आत्मा गाँवों में बसती है और जब तक गाँवों का उत्थान नहीं होगा, तब तक सही मायने में विकास की कल्पना बेमानी है। इसी सूत्र वाक्य के तहत पद्मश्री डॉ. अनिल प्रकाश जोशी की अगुवाई में हिमालयन एनवायरनमेंटल स्टडीज एंड कंजर्वेशन ऑर्गनाइजेशन (हेस्को) उत्तराखण्ड समेत हिमालयी राज्यों के गाँवों की तरक्की के लिये मुहिम में जुटा हुआ है। हिमालयी राज्यों के करीब 10 हजार गाँवों में हेस्को की ओर से किये गए विकास कार्यों की बदौलत पाँच लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से लाभ मिल रहा है।