उत्तराखण्ड
DGP को हाई कोर्ट ने बुलाया तो सस्पेंड हुए रामनगर कोतवाल,यह है मामला
रामनगर (नैनीताल) रामनगर के मौजूदा कोतवाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। हाई कोर्ट द्वारा प्रदेश के पुलिस महानिदेशक और गृह सचिव को एक मामले में तलब करने के बाद रामनगर के कोतवाल पर यह एक्शन हुआ है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक रामनगर के कोतवाल अरुण सैनी पर निलंबन की कार्रवाई हुई है। आपको बता दें कि एक मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक और गृह सचिव को तलब किया है जिसके बाद रामनगर कोतवाल अरुण सैनी पर गाज गिरी है।
बताया जा रहा है कि रामनगर में एक रिसॉर्ट में छापा मार कर उसके मैनेजर की गलत तरीके से गिरफ्तारी करने के मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने पुलिस के मुखिया सहित गृह सचिव को भी तलब किया है। जमानती अपराध में बिना नोटिस के गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट ने सवाल खड़े किए हैं।
मामला ढिकुली स्थित टाइगर कैंप रिजॉर्ट से जुड़ा हुआ है।इस रिसोर्ट में बीती 29 नवंबर की रात को छापा मारकर रिसोर्ट के दो मैनेजर की पुलिस ने गिरफ्तारी की थी।पुलिस ने उन पर रिसोर्ट के अंदर अवैध तरीके से शराब परोसने का कैसे दर्ज किया था। पुलिस ने गिरफ्तार मैनेजर के हवाले से बताया था कि रिसोर्ट के मालिक अनुपम शर्मा ने मैनेजर को शराब परोसने के लिए कहा था। इस मामले में टाइगर कैंप के रिसोर्ट मैनेजर की गिरफ्तारी के बाद अनुपम शर्मा ने बयान जारी कर पुलिस की कार्यवाही को गलत बताते हुए इस मामले की जांच की मांग की थी।
अनुपम शर्मा ने पुलिस पर आरोप लगाया था कि पुलिस ने जानबूझकर उनकी छवि खराब करने के उद्देश्य से टाइगर कैंप में छापा मारा था और मैनेजर को घर से बुलाकर उनकी गिरफ्तारी की गई थी।
अनुपम शर्मा ने इस मामले में खनन विभाग के एक अधिकारी और जनपद के पुलिस अधिकारी और रामनगर कोतवाल पर कई गंभीर आरोप लगाए थे।
इसी मामले में गिरफ्तार किए गए टाइगर कैंप के मैनेजर राजीव शाह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर हाईकोर्ट ने प्रदेश पुलिस महानिदेशक और गृह सचिव सहित रामनगर कोतवाल को तलब किया है।
आपको बता दें कि टाइगर कैंप रिजॉर्ट कांग्रेस के नेता अनुपम शर्मा की पत्नी के नाम पर है, 29 नवंबर की रात्रि को जब इस रिसोर्ट में छापा मार कर रिसोर्ट के दो मैनेजर को गिरफ्तार किया गया तो अनुपम शर्मा ने पुलिस की इस कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक जाने की बात एटम बम से की थी। उन्होंने कहा था कि यह कार्रवाई उनको बदनाम करने के लिए की गई थी और इसमें पुलिस और खनन विभाग के अधिकारी मिले हुए हैं, हालांकि उन्होंने स्पष्ट रूप में किसी का नाम नहीं बताया।