उत्तराखण्ड
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बागियों के खिलाफ लिया एक्शन।
देहरादून।विधान सभा चुनाव में बगावत कर रहे अपने पार्टी नेताओं पर कांग्रेस संगठन ने कार्रवाई की हैं।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आज रुद्रप्रयाग से पूर्व विधायक मातवर सिंह कंडारी को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया हैं। कभी भाजपा सरकार में मंत्री रहे मातवर सिंह कंडारी अपने साढ़ू भाई हरक सिंह रावत से चुनाव हारने के बाद प्रदेश की राजनीति से गुमनाम से होने लगे।बाद में वह भाजपा छोड़ कांग्रेस में आए लेकिन चुनाव में उनको सफलता नहीं मिली। इस बार उनको पार्टी ने विधानसभा का टिकट नहीँ दिया तो वह बागी हो गए हैं।पार्टी नेताओं ने उन्हें मनाने की कोशिश की लेकिन वह मानें नही।अब पार्टी ने उनके खिलाफ निष्कासन की कार्रवाई कर दी हैं।पार्टी ने उनको 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया हैं।
कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत के करीबी और रामनगर से पूर्व ब्लाक प्रमुख संजय नेगी के खिलाफ निष्कासन की कार्रवाई की गई हैं।हरीश रावत का अंतिम समय में रामनगर से टिकट बदल कर लालकुंआ कर देने से नाराज़ हुए संजय नेगी ने पार्टी से बगावत कर दी, वह रामनगर विधानसभा सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि अपने निष्कासन से पूर्व ही उन्होने कल कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी थी।
लालकुआं से निर्दलीय उम्मीदवार संध्या डालाकोटी को कांग्रेस पार्टी ने निष्कासित कर दिया हैं।वह पार्टी से बगावत कर कांग्रेस नेता हरीश रावत के सामने चुनाव लड़ रही हैं।पार्टी ने पहले संध्या डालाकोटी को अपना उम्मीदवार बनाया था बाद में उनकी जगह हरीश रावत कांग्रेस उम्मीदवार बनकर लाल कुआं आ गए।
कांग्रेस ओबीसी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष संजय डोभाल को भी पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते पार्टी से निष्कासित कर दिया है।