उत्तराखण्ड
उद्योग–अकादमिक संवाद का सफल आयोजन: राधे हरि पी.जी. कॉलेज, काशीपुर ने ESTC के साथ किया MoU, विकसित भारत 2047 की ओर सशक्त कदम
उद्योग–अकादमिक संवाद का सफल आयोजन: राधे हरि पी.जी. कॉलेज, काशीपुर ने ESTC के साथ किया MoU, विकसित भारत 2047 की ओर सशक्त कदम
काशीपुर, 24 अप्रैल 2025 — राधे हरि राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, काशीपुर के वाणिज्य विभाग द्वारा भारत सरकार की ‘विकसित भारत @2047’ पहल के अंतर्गत “उद्योग की आवश्यकताओं के अनुसार कौशल विकास: शिक्षा और रोजगार के बीच सेतु निर्माण” विषय पर एक दिवसीय उद्योग–अकादमिक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय और इलेक्ट्रॉनिक सर्विस एंड ट्रेनिंग सेंटर (ESTC), काशीपुर के मध्य एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) भी संपन्न हुआ।
कार्यक्रम की मुख्य संरक्षिका, महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. सुमिता श्रीवास्तव ने अपने उद्घाटन भाषण में संवाद की प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षा को उद्योग की मांगों के अनुरूप ढालना आज की आवश्यकता है। उन्होंने छात्रों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के लिए ऐसे आयोजनों को समय की मांग बताया।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई और तत्पश्चात अतिथियों का स्वागत कर सम्मानित किया गया। संवाद सत्र में क्षेत्रीय उद्योगों के प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव साझा किए। श्री देवेंद्र जिंदल (KVS) ने ऐसे संवादों को निरंतर बनाए रखने पर ज़ोर दिया, वहीं पशुपति ग्रुप के प्रतिनिधियों ने उद्यमशीलता को प्रोत्साहन देने और नवीन तकनीकों के समावेश की आवश्यकता जताई।
सिद्धार्थ पेपर मिल के श्री संजय और श्री विनीत सांगल ने छात्रों में तकनीकी दक्षता की कमी पर चिंता जताई और उद्योग तथा शिक्षा जगत को साझा उत्तरदायित्व निभाने की बात कही।
इस अवसर पर ESTC, काशीपुर और कॉलेज के बीच हुए MoU के अंतर्गत प्रशिक्षण, इंटर्नशिप और कौशल विकास के क्षेत्र में सहयोग की रूपरेखा तय की गई। श्री नयनज्योति तालुकदार और श्री मयंक पांडे ने राष्ट्रीय कौशल योग्यता ढांचा (NSQF) की जानकारी दी और दोनों संस्थानों के बीच सहयोग को गहरा करने की प्रतिबद्धता जताई।
पूर्व छात्र श्री रामचंद्र जिंदल ने छात्रों में तकनीकी रुचि विकसित करने की सलाह देते हुए पैकेजिंग उद्योग में तकनीकी दक्ष युवाओं की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम के समापन पर समन्वयक डॉ. किरण कुमार पंत ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह संवाद छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की नींव रखने वाला कदम है। कार्यक्रम के सफल संचालन में डॉ. अंतरिक्षा नेगी और श्रीमती पूजा ने मंच संचालन किया, जबकि आयोजन समिति में प्रो. मुकेश जोशी, प्रो. कृष्ण कुमार और डॉ. विवेक अग्रवाल का विशेष योगदान रहा।
महाविद्यालय के शिक्षकगण, छात्र-छात्राएँ एवं कर्मचारी बड़ी संख्या में कार्यक्रम में उपस्थित रहे। प्रो. मृत्युंजय सिन्हा, प्रो. के.एन. यादव, प्रो. कुशवाहा, प्रो. जानकी सुयाल, प्रो. मीना शर्मा, प्रो. अमाऊदीन, प्रो. महिपाल सिंह और डॉ. पद्ममा वशिष्ठ ने भी अपने अनुभव साझा किए।
यह संवाद कार्यक्रम शिक्षा और उद्योग के बीच सेतु निर्माण की दिशा में एक मील का पत्थर सिद्ध हुआ, जो विकसित भारत @2047 की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक प्रभावी प्रयास है।




