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हरिद्वार महिला अस्पताल में अमानवीयता: प्रसूता ने फर्श पर दिया बच्चे को जन्म, डॉक्टर और स्टाफ पर गंभीर आरोप

हरिद्वार महिला अस्पताल में अमानवीयता: प्रसूता ने फर्श पर दिया बच्चे को जन्म, डॉक्टर और स्टाफ पर गंभीर आरोप

हरिद्वार/उत्तराखंड।
तीर्थनगरी हरिद्वार से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। मजदूर की पत्नी को महिला अस्पताल में भर्ती करने से मना कर दिया गया, जिसके बाद प्रसूता ने दर्द से तड़पते हुए फर्श पर ही बच्चे को जन्म दिया। परिजनों ने आरोप लगाया कि ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर सलोनी ने गर्भवती महिला को बाहर निकालते हुए कहा – “यहां डिलीवरी नहीं होगी।” इतना ही नहीं, अस्पताल स्टाफ ने भी मदद करने से साफ इनकार कर दिया और यहां तक कह दिया कि – “तेरा मरीज है, सफाई तू कर।”

वायरल वीडियो में दिखी शर्मनाक तस्वीर

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि गर्भवती महिला अस्पताल के फर्श पर बैठी दर्द से चीख रही है और डॉक्टर, नर्स व स्टाफ पूरी तरह मूकदर्शक बने खड़े हैं। परिजनों और आशा वर्कर का आरोप है कि किसी ने महिला को छुआ तक नहीं। जब आशा वर्कर ने वीडियो बनाना शुरू किया तो स्टाफ ने उसका मोबाइल छीनने की भी कोशिश की।

स्वास्थ्य विभाग पर उठे गंभीर सवाल

वीडियो वायरल होने के बाद लोग इसे सरकारी अस्पतालों की लापरवाही और अमानवीयता की सबसे बड़ी मिसाल बता रहे हैं। घटना ने स्वास्थ्य विभाग और अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

CMO का बचाव

वहीं, सीएमओ आर.के. सिंह ने पूरे मामले को आशा वर्कर की “साज़िश” करार दिया है। उनका दावा है कि महिला को रात में भर्ती किया गया था और डिलीवरी अस्पताल के अंदर ही हुई। सीएमओ का कहना है कि पूरे प्रकरण की जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी।

यह घटना न सिर्फ अस्पताल प्रशासन की संवेदनहीनता को उजागर करती है, बल्कि उस स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल भी खोल देती है जो आम जनता को इलाज और सुरक्षा देने का दावा करती है।

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