उत्तराखण्ड
इंसाफ के कटघरे में खड़ा उत्तराखंड पुलिस का इंस्पेक्टर! पत्नी ने लगाए गंभीर घरेलू हिंसा और हत्या की धमकी के आरोप
इंसाफ के कटघरे में खड़ा उत्तराखंड पुलिस का इंस्पेक्टर! पत्नी ने लगाए गंभीर घरेलू हिंसा और हत्या की धमकी के आरोप
पत्नी बोली – ‘बेटी पैदा होने के बाद से कर रहा है प्रताड़ित, घर से निकालने भेजे थे गुंडे, दी पिस्टल से गोली मारने की धमकी’
रुद्रपुर, ऊधमसिंहनगर – उत्तराखंड पुलिस के इंस्पेक्टर आशुतोष कुमार सिंह अब खुद कानून के कटघरे में खड़े हैं! घरेलू हिंसा, पत्नी से मारपीट, और जबरन घर से निकालने के लिए भाड़े के गुंडे भेजने जैसे संगीन आरोपों ने उनकी वर्दी पर बड़ा दाग लगा दिया है।
पत्नी वैजयंती ने इंस्पेक्टर पर लगाए गंभीर आरोप
इंस्पेक्टर आशुतोष कुमार की पत्नी वैजयंती ने अपने ही पति पर बेटी पैदा होने के बाद से लगातार प्रताड़ित करने का गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि जब उनकी दूसरी बेटी हुई, तभी से आशुतोष का रवैया उनके प्रति क्रूर और हिंसक हो गया। मारपीट, धमकियां और मानसिक उत्पीड़न उनके लिए रोज की बात हो गई थी।
हद तो तब हो गई जब 18 मार्च की शाम कुछ लोग जबरन उनके घर में घुस आए और उन्हें जबरन घर से बाहर निकालने लगे। इन गुंडों ने पिस्टल निकालकर गोली मारने की धमकी दी!
भाड़े के गुंडों से घर खाली कराने की साजिश?
वैजयंती के मुताबिक, ये लोग इंस्पेक्टर आशुतोष कुमार के भेजे हुए थे, जिनका मकसद उन्हें जबरन घर से निकालकर बेघर कर देना था। उनके ससुर हर्ष बहादुर चंद ने पुलिस में लिखित शिकायत देकर इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
शिकायत में क्या कहा गया?
श्रीमान चौकी प्रभारी, थाना पंतनगर को दी गई तहरीर में हर्ष बहादुर चंद ने लिखा:
“18 मार्च की रात करीब 8 बजे, मैं अपनी बेटी वैजयंती और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ उसके घर ओमेक्स कॉलोनी, रुद्रपुर में मौजूद था। अचानक कुछ अज्ञात लोग घर में घुस आए और हमें डराने-धमकाने लगे। इन गुंडों में से एक खुद को वकील बता रहा था, जिसे बाकी लोग ‘अनिल’ कहकर पुकार रहे थे। उसने पिस्टल मंगाने के लिए अपने साथियों से कहा और हमें गोली मारने की धमकी दी। बाद में वह गाड़ी से एक डंडा निकालकर हमें गालियां देने लगा और धमकाते हुए वहां से भाग निकला।
“इस पूरी घटना से मेरा परिवार बुरी तरह सदमे में है। पुलिस से अनुरोध है कि इस अनील और उसके अज्ञात साथियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।”
एफआईआर दर्ज – इंस्पेक्टर का सच कब सामने आएगा?
पीड़िता के बयान और सबूतों के आधार पर पुलिस ने अनिल नाम के आरोपी के खिलाफ BNS की धारा 333, 351(3) और 352 में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि –
- क्या पुलिस अपने ही इंस्पेक्टर के खिलाफ निष्पक्ष जांच करेगी?
- अगर इंस्पेक्टर दोषी है, तो क्या उसे भी कानूनी सजा मिलेगी या मामले को दबाने की कोशिश होगी?
- क्या उत्तराखंड पुलिस की वर्दी के पीछे घरेलू हिंसा का भयानक सच छिपा है?
जब पीड़ित की फरियाद खुद कानून के रखवालों के खिलाफ हो, तो इंसाफ की उम्मीद कहां बचती है?
पति पुलिस में, पत्नी न्याय के लिए भटक रही! SSP ने क्यों झाड़ा पल्ला?
इस मामले में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है। पीड़िता वैजयंती न्याय के लिए SSP तक गुहार लगाने गई थी, लेकिन वहां से उसे सिर्फ मायूसी ही हाथ लगी।
SSP ने इस गंभीर मामले को ‘घरेलू विवाद’ कहकर पल्ला झाड़ लिया।
अब सवाल उठता है कि –
- अगर आम जनता को इंसाफ देने वाली पुलिस अपने ही अफसर की करतूतों को छिपाए, तो आम जनता किस पर भरोसा करे?
- क्या बेटी पैदा करना अपराध है? अगर नहीं, तो फिर वैजयंती जैसी महिलाओं को शादी के बाद प्रताड़ना क्यों झेलनी पड़ती है?
अब आगे क्या?
अब ये देखना होगा कि पुलिस इस मामले में वास्तव में निष्पक्ष जांच करती है या अपने अफसर को बचाने के लिए लीपापोती करती है।
लेकिन एक बात तो साफ है –
अगर कानून के रखवाले ही कानून तोड़ने लगें, तो इंसाफ की उम्मीद रखना बेकार है!




