उत्तराखण्ड
सौंग बांध पेयजल परियोजना: विस्थापन प्रक्रिया तेज करने के निर्देश, मुख्यमंत्री ने बैठक में दिए अहम निर्देश
देहरादून।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में आयोजित बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि सौंग बांध पेयजल परियोजना पर कार्य को शीघ्र शुरू करने के लिए विस्थापन की प्रक्रिया को तेज किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों की सहमति के आधार पर उन्हें जल्द से जल्द भूमि उपलब्ध कराई जाए और उनके पुनर्वास के लिए सभी आवश्यक मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं।
मुख्यमंत्री के निर्देश
विस्थापित परिवारों के लिए सामुदायिक भवन, मंदिर, सड़कों और अन्य आवश्यक निर्माण कार्य उनकी सहमति के आधार पर किए जाएं।
जमरानी बांध परियोजना पर कार्य में तेजी लाई जाए।
विस्थापित परिवारों के पुनर्वास के लिए समग्र योजना बनाई जाए ताकि किसी भी परिवार को असुविधा न हो।
सौंग बांध परियोजना की विशेषताएं
इस परियोजना से देहरादून की 11 लाख आबादी को प्रतिदिन 150 एमएलडी पेयजल की आपूर्ति होगी।
परियोजना से भूजल स्तर में सुधार होगा।
बांध के डाउनस्ट्रीम में स्थित 10 गांवों की 15,000 की आबादी को बाढ़ से सुरक्षा मिलेगी।
बैठक में मौजूद अधिकारी
बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव शैलेश बगोली, विनय शंकर पाण्डेय, एस.एन. पाण्डेय, डॉ. आर. राजेश कुमार, प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन, अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान, ललित मोहन रयाल, सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर जयपाल सिंह और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
परियोजना से क्या होगा लाभ?
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य देहरादून की जल आपूर्ति को सुदृढ़ करना है। सौंग बांध के निर्माण से न केवल पानी की किल्लत दूर होगी, बल्कि यह बांध बाढ़ से सुरक्षा और भूजल स्तर के सुधार में भी सहायक सिद्ध होगा।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि परियोजना के कार्य में किसी भी प्रकार की देरी न हो और प्रभावित परिवारों को पुनर्वास के लिए हर संभव सुविधा मुहैया कराई जाए। उनकी सहमति के आधार पर पुनर्वास स्थल पर आवश्यक संरचनाओं का निर्माण भी किया जाएगा।
मुख्यमंत्री के इन निर्देशों से परियोजना को जल्द शुरू करने और देहरादून के जल संकट को दूर करने की दिशा में सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे।