उत्तराखण्ड
संवेदनशीलता और अनुशासन की मिसाल बनीं IPS बिमला गुंज्याल, पुलिस सेवा से हुईं विदा
चार दशक की सेवा यात्रा को सलाम: सेवानिवृत्त हुईं उत्तराखण्ड पुलिस की आदर्श अधिकारी बिमला गुंज्याल
— एटम बम न्यूज़, देहरादून
देहरादून, 31 मई 2025 — उत्तराखण्ड पुलिस के लिए आज का दिन एक भावुक अध्याय का समापन और प्रेरणा का नया आरंभ साबित हुआ। सतर्कता मुख्यालय, उत्तराखण्ड की पुलिस महानिरीक्षक श्रीमती बिमला गुंज्याल के सेवानिवृत्त होने के अवसर पर पुलिस मुख्यालय, देहरादून स्थित सभागार में एक गरिमामय विदाई समारोह का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक श्री दीपम सेठ, एडीजी (अपराध एवं कानून व्यवस्था) श्री वी. मुरुगेशन, एडीजी (प्रशासन) श्री ए.पी. अंशुमान, तथा अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारीगण मौजूद रहे। समारोह भावनाओं, सम्मान और गौरव से परिपूर्ण रहा, जहां वक्ताओं ने श्रीमती गुंज्याल के चार दशकों से अधिक की सेवाओं को स्मरण करते हुए उनके अनुकरणीय योगदान को नमन किया।
कर्तव्यनिष्ठा की मिसाल बनीं श्रीमती गुंज्याल
अपने संबोधन में पुलिस महानिदेशक श्री दीपम सेठ ने कहा —
“आज हम एक अत्यंत योग्य, निष्ठावान और अनुशासित अधिकारी को विदाई दे रहे हैं, जिन्होंने न केवल विभागीय जिम्मेदारियों को पूर्ण समर्पण से निभाया, बल्कि अपनी कार्यशैली, नेतृत्व और संवेदनशील दृष्टिकोण से पूरे उत्तराखण्ड पुलिस बल के लिए एक प्रेरणा बनीं।”
श्रीमती गुंज्याल ने जेल, सतर्कता, अभिसूचना, दूरसंचार, CED जैसे अनेक संवेदनशील और रणनीतिक महत्त्व के पदों पर कार्य करते हुए संगठनात्मक अनुशासन, समन्वय और प्रशासनिक दक्षता का शानदार उदाहरण प्रस्तुत किया। उनका शांत, संयमित और मानवीय दृष्टिकोण उन्हें एक असाधारण नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित करता है।
सेवा का गौरवशाली सफर
उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ में जन्मी श्रीमती बिमला गुंज्याल का जीवन यात्रा अनुशासन, मेहनत और कर्तव्यनिष्ठा की मिसाल है।
- माध्यमिक शिक्षा जीजीआईसी पिथौरागढ़ से और स्नातकोत्तर शिक्षा श्रीनगर गढ़वाल विश्वविद्यालय से प्राप्त करने के बाद,
- वर्ष 1990 में प्रांतीय पुलिस सेवा में चयन हुआ।
- उन्होंने मुरादाबाद, लखनऊ, अल्मोड़ा, नैनीताल, ऊधमसिंहनगर, हरिद्वार तथा देहरादून जनपदों में उल्लेखनीय सेवाएं दीं।
- 2011 में IPS (2004 बैच) में इंडक्शन के बाद वे रुद्रप्रयाग, पौड़ी, टिहरी, और आईआरबी, एससीआरबी में पुलिस अधीक्षक रहीं।
- 2018 में उप महानिरीक्षक और फिर 2022 में पुलिस महानिरीक्षक पद पर पदोन्नत होकर उन्होंने सतर्कता मुख्यालय, दूरसंचार, पीएसी, और कारागार जैसे प्रमुख विंगों का नेतृत्व किया।
सम्मानों से सजी सेवा
- 2012 में पुलिस पदक (Meritorious Service)
- 2019 में राष्ट्रपति पुलिस पदक (Distinguished Service)
इन पुरस्कारों ने उनकी सेवा को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाई।
विदाई के भावुक क्षण
समारोह में श्रीमती गुंज्याल ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा —
“मेरे सहकर्मियों, वरिष्ठों और अधीनस्थों के सहयोग और निष्ठा के बिना यह लंबी यात्रा संभव नहीं हो सकती थी। मैं उत्तराखण्ड पुलिस की इस आत्मीयता और गरिमा के लिए आभारी हूं।”
कार्यक्रम के समापन पर पुलिस महानिदेशक महोदय द्वारा एक स्मृति चिह्न भेंट कर उन्हें सम्मानित किया गया। पूरा सभागार तालियों की गूंज और भावनाओं के साथ इस क्षण का साक्षी बना।
श्रीमती बिमला गुंज्याल की सेवा न केवल उत्तराखण्ड पुलिस बल के लिए बल्कि प्रशासनिक सेवाओं से जुड़ी हर महिला अधिकारी के लिए एक प्रेरणास्त्रोत है। उनके अनुभव, दृष्टिकोण और सेवा मूल्य लंबे समय तक उत्तराखण्ड पुलिस की धरोहर बने रहेंगे।
— खुशाल रावत, संपादक
एटम बम न्यूज | रामनगर, उत्तराखण्ड
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