उत्तराखण्ड
कोतवाली रानीपुर: झूठी सूचना का “नशेड़ी” संस्करण
हरिद्वार।
पुलिस की मुस्तैदी और नशे में धुत युवक की “याददाश्त की कमजोरी” का नतीजा ये रहा कि रानीपुर क्षेत्र में झूठी सूचना का एक ऐसा किस्सा सामने आया, जिसे सुनकर आप हंसी रोक नहीं पाएंगे।
कहानी का नशे में “झोल”:
दिनांक 16 नवंबर की रात को रानीपुर पुलिस कंट्रोल रूम को एक “बहादुर” युवक ने फोन कर बताया कि चार लड़कों ने उसकी मोटरसाइकिल लूट ली है और पीएसी पेट्रोल पंप के पास उसे मारपीट कर फरार हो गए हैं। यह सुनकर पुलिस हरकत में आई, जनपद में वाहनों की चेकिंग शुरू हुई, और मौके पर रानीपुर पुलिस पहुंच गई।
लेकिन जैसे ही पुलिस ने “शिकायतकर्ता” से बात की, मामला किसी थ्रिलर फिल्म से ज्यादा कॉमेडी में बदल गया। युवक शराब के नशे में ऐसा धुत पाया गया कि उसे अपनी बाइक का पता ही नहीं था।
मामला बना लावारिस से लुटेरा:
पुलिस ने जांच-पड़ताल के बाद नहर पटरी पर लावारिस अवस्था में एक बाइक बरामद की। बाइक पर चाबी और हेलमेट भी मौजूद था। युवक से सख्ती से पूछने पर पता चला कि साहब नशे में भूल गए थे कि गाड़ी कहां खड़ी की थी, और जब याद नहीं आई तो लूट की “महाकाव्य” गाथा गढ़ दी।
पुलिस का ‘धैर्य टेस्ट’:
झूठी सूचना का पर्दाफाश होते ही युवक ने माफी मांगने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने “ड्रामा किंग” का मेडिकल करवाकर पुलिस अधिनियम के तहत चालान कर दिया। साथ ही, उसकी मोटरसाइकिल भी सीज कर ली गई।
पुलिस के लिए सबक और पब्लिक के लिए मनोरंजन:
इस पूरे प्रकरण ने साबित कर दिया कि शराब पीकर केवल गाड़ी चलाना ही नहीं, बल्कि गाड़ी पार्क करना भी जोखिम भरा हो सकता है।
पुलिस टीम की “शानदार” परफॉर्मेंस:
1. उ0नि0 अजीत डबराल
2. का0 गिरेन्द्र सिंह
3. का0 सर्वजीत
4. का0 दिग्पाल राणा
सबक:
युवक को भले ही अपनी गलती का अहसास हो गया हो, लेकिन नशे में झूठी कहानियां बनाना किसी महंगे शो का टिकट खरीदने जैसा है। नतीजा – गाड़ी गई, चालान हुआ और पुलिस से माफी मांगनी पड़ी। अगली बार शायद वह सोचेंगे कि नशे और झूठ का कॉम्बिनेशन पुलिस के सामने काम नहीं करता।
(तो दोस्तों, संभल जाइए! झूठी सूचना देना आपकी जेब और इज्जत दोनों पर भारी पड़ सकता है।)