उत्तराखण्ड
रामनगर में दरोगा की दादागिरी, बिजनेसमैन के साथ की मारपीट
रामनगर (नैनीताल) पुलिस की रात्रि गश्त लोगों की सुरक्षा के लिए होती है, चोरी- चकारी,स्मगलिंग और गुंडई न हो इसलिए चौक चौराहों पर पुलिस कर्मियों को तैनात किया जाता है लेकिन जब गश्त पर तैनात खाकी वर्दी पहने दरोगा ही गुंडई करने लगे तो एक आम आदमी सुरक्षा की उम्मीद किससे करें?
रामनगर थाना क्षेत्र में गश्त के दौरान एक दारोगा की दादागिरी करने का मामला प्रकाश में आया है. कोतवाली के एक दरोगा ने ट्रैवल बिजनेस करने वाले को एक को उसे वक्त बुरी तरह पीट दिया जब वह अपनी कार से घर को लौट रहा था.
मूल रूप से धुमाकोट के रहने वाले और हाल कानियां निवासी सारंग गौनियाल के साथ बीती रात चोरपानी चौराहे पर कोतवाली के एक दरोगा ने बुरी तरह मारपीट कर दी और उसका मोबाइल फोन भी तोड़ दिया.
पीड़ित सारंग का कहना है कि वह अपनी कार में कुत्तों को घुमा कर बैराज से होते हुए वापस कानिया को लौट रहा था.चोरपानी चौराहे पर तैनात 4-5 पुलिस वालों ने उसे रोका और कार के अंदर देखने के बाद दरोगा जोगा सिंह ने मुझे जाने को बोल दिया.मैं जाने लगा लेकिन तभी दूसरा दरोगा भुवन जोशी ने रुकने का कहा और मुझ से कार के कागज दिखाने को बोला. सारंग के मुताबिक दरोगा भुवन जोशी द्वारा कार के कागज मांगने पर मैंने उसे कागज दिखाए. कार का पंजीकरण माता के नाम है.आरोप है कि कागज देखने के बाद दरोगा अभद्र व्यवहार करने लगा और पूछने लगा कि यह तेरी मां ही है या कोई और है. सारंग का आरोप है कि दरोगा के अभद्र व्यवहार का उसके द्वारा आपत्ति जताई तो उसने पहले तो थप्पड़ मारने शुरू कर दिए फिर उसे पास की एक दुकान के अंदर ले जाकर बुरी तरह मारा पीटा. उसके द्वारा जेब से मोबाइल निकालने पर दरोगा ने उसके मोबाइल को तोड़ दिया. सारंग का कहना है कि दूसरे दरोगा जोगा सिंह ने उसे दरोगा भुवन जोशी के चंगुल से छुड़ाया. दरोगा द्वारा की गई मारपीट की सूचना सारंग ने तुरंत मौके से ही भाजपा नेता गणेश रावत को दी. इस घटना की जानकारी प्रभारी निरीक्षक अरुण सैनी को भी दे दी गई है.