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उत्तराखण्ड

मृत्यु उपरांत अपनी आंखें दान करके दो बच्चों की दुनिया रोशन करने वाली गीतिका जोशी को दी गई श्रद्धांजलि।

रामनगर।विगत 26 जनवरी को बच्ची उपरांत मृत्यु उपरांत अपनी आंखें दान करके दो बच्चों की दुनिया रोशन करने वाली गीतिका जोशी को साइंस फॉर सोसायटी द्वारा एक सभा का आयोजन करके उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।

श्रद्धांजलि कार्यक्रम उनके निवास स्थान शांतिकुंज में किया गया । गीतिका जोशी पिछले दो साल से किडनी की बीमारी से ग्रसित थी ,विगत 25 जनवरी 2023 को ऋषिकेश एम्स में उनकी मृत्यु हो गई, मृत्यु उपरांत डाक्टरों ने उनका कार्निया सही पाया तो उन्होंने गीतिका के परिजनों से आग्रह किया कि दो बच्चों की आंखें नहीं है और उन्हें कार्निया की जरूरत है, अगर आप सहमत हो तो उनको जीवन ज्योति मिल जायेंगी।

डाक्टरों की बात से गीतिका के पति मुकेश जोशी ने सहमति व्यक्त करते हुए गीतिका की आंखें दान कर दीं।

शांतिकुंज में संपन्न हुए श्रद्धांजलि कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सोसायटी के संयोजक मदन मेहता ने कहा कि आज भी हमारे देश में अंगदान, आंखें दान, करने को लेकर बहुत ही पिछड़ापन है। देश में लगभग 48 लाख लोग बिल्कुल अंधे हैं और आंखें दान करके समाज उन्हें एक नई रोशनी दे सकता है।

उषा पटवाल ने कहा कि आंखें दान, अंगदान, रक्तदान व देहदान को हमारे स्कूलों की शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों में आंखें दान व अंगदान की सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए।

गिरीश आर्य ने कहा कि समाज गीतिका जोशी व उनके पति मुकेश जोशी तथा उनके परिजनों का आभारी है कि उन्होंने दुख के इस कठिन समय में आंखें दान करने जैसा साहसिक निर्णय लिया। उनके इस कदम से समाज में दूसरे लोगों को भी प्रेरणा मिलेगी।

श्रद्धांजलि सभा में प्रभात ध्यानी, रूची गिरी , मुनीष कुमार,सत्य प्रकाश शर्मा, पुष्कर दुर्गापाल, ललिता रावत आदि ने विचार व्यक्त किए। गीतिका जोशी की पुत्री नंदिता व नीति ने अपनी मां को याद करते हुए दिल को छू लेने वाली कविताएं सुनाई।

कार्यक्रम में जया जोशी, सुधा शर्मा, हेमंत जोशी हेम आर्या, महेश जोशी, आनंद नेगी सुरेश लाल समेत बड़ी संख्या में लोगों ने भागीदारी की।

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