उत्तराखण्ड
नन्हे सवाल, बड़े सपने: जब रामनगर कोतवाली में मासूमियत और हौसले की हुई मुलाकात
रामनगर (नैनीताल)रामनगर कोतवाली में आज एक अलग ही माहौल था। आमतौर पर जहां पुलिस अपराधियों से सवाल-जवाब करती है, वहीं इस बार उनके सामने उदय मैमोरियल पब्लिक स्कूल, पाटकोट के नन्हे-मुन्ने बच्चे थे, जिनकी मासूम जिज्ञासाओं के आगे कोतवाल अरुण सैनी भी मुस्कुरा उठे।
“पुलिस क्या करती है?”— बच्चों के सवालों ने जीता दिल
बच्चों ने सीधे कोतवाल से पूछा— “पुलिस क्या काम करती है?” इस पर अरुण सैनी ने सरल शब्दों में बताया कि पुलिस समाज में शांति बनाए रखने, अपराधियों को पकड़ने और यातायात व्यवस्था को संभालने का काम करती है। उन्होंने बच्चों को समझाया कि पुलिस सिर्फ अपराधियों को पकड़ने तक सीमित नहीं, बल्कि जनता की सुरक्षा और सेवा में 24 घंटे तत्पर रहती है।
IPS बनने की चाहत, साइबर अपराधों से सतर्क रहने की सीख
बच्चों का अगला सवाल था— “हम पुलिस में भर्ती कैसे हो सकते हैं?”
इस पर कोतवाल ने IPS, SI और अन्य पुलिस भर्ती प्रक्रियाओं की पूरी जानकारी दी और बच्चों को बताया कि मेहनत, अनुशासन और लगन से वे भी बड़े होकर पुलिस अधिकारी बन सकते हैं।
इसके साथ ही उन्होंने मोबाइल से होने वाले साइबर अपराधों पर भी बच्चों को सतर्क किया और समझाया कि अनजान लिंक, ऑनलाइन गेम्स और सोशल मीडिया पर असावधानी भारी नुकसान पहुंचा सकती है। उन्होंने बच्चों से अपील की कि वे मोबाइल का सीमित उपयोग करें और पढ़ाई पर ध्यान दें।
“आज के नन्हे बच्चे, कल के अफसर!”
कोतवाल ने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा—
“आज आप जितनी मेहनत करेंगे, कल उतनी ही ऊंची उड़ान भरेंगे। अगर आप ईमानदारी से पढ़ाई करेंगे, तो कल आप में से ही कोई IPS, DSP या पुलिस अधिकारी बनेगा!”
मासूम खुशियां: चॉकलेट और फ्रूटी से मीठी यादें
कोतवाली के इस खास दौरे को यादगार बनाने के लिए पुलिस ने बच्चों को चॉकलेट और फ्रूटी बांटी, जिससे उनकी खुशी दोगुनी हो गई।
स्कूल स्टाफ की मौजूदगी ने बढ़ाया कार्यक्रम का महत्व
इस अवसर पर स्कूल प्रबंधक रूपा आर्या, प्रियंका भंडारी, उमा पाठक, मीना देवी, कमल महरा, आंचल जलाल, प्रेमा, महिमा भंडारी और अनिल कुमार भी मौजूद रहे।
रामनगर कोतवाली में हुआ यह खास संवाद सिर्फ बच्चों के लिए नहीं, बल्कि समाज के लिए भी एक प्रेरणा है। नन्हे बच्चों के मासूम सवालों ने जहां पुलिस के प्रति उनकी समझ को बढ़ाया, वहीं कोतवाल अरुण सैनी की शिक्षाप्रद बातचीत ने उनके भीतर ईमानदारी, अनुशासन और देश सेवा का बीज बो दिया।
आज के ये छोटे बच्चे कल बड़े होकर देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं – बस जरूरत है सही दिशा, प्रेरणा और मेहनत की!
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