उत्तराखण्ड
रामनगर में बुलडोजर राज के खिलाफ महापंचायत: अतिक्रमण हटाओ अभियान पर रोक की मांग, 9 सितंबर को प्रदर्शन की घोषणा
रामनगर (नैनीताल) के वनग्राम पूछड़ी में बुलडोजर राज के विरोध में आयोजित महापंचायत में कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्रों से भारी संख्या में लोगों ने पहुंचकर ग्रामीणों के आंदोलन का समर्थन किया। इस महापंचायत में रामनगर और पूरे उत्तराखंड में चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान पर तत्काल रोक लगाने की मांग उठाई गई। इसके साथ ही, रामनगर के विधायक दीवान सिंह के कार्यालय पर 9 सितंबर को प्रदर्शन और जुलूस निकालने की घोषणा की गई।
महापंचायत में यह मांग की गई कि जो व्यक्ति जहां पर निवास कर रहा है, उसे वहीं पर नियमित किया जाए और उसे मालिकाना हक दिया जाए। साथ ही, वन ग्रामों, गोट, खत्तों, और गूजर बस्तियों को राजस्व ग्राम घोषित किया जाए और किसी भी व्यक्ति को हटाने से पहले उसका पुनर्वास सुनिश्चित किया जाए।
वक्ताओं ने भाजपा सरकार की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री धामी और प्रधानमंत्री मोदी अपने ही देश के नागरिकों के घरों और दुकानों पर बुलडोजर चलाकर उन्हें तबाह कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार अपने ही देश की गरीब जनता के खिलाफ युद्ध छेड़ रही है, जिसे भाजपा के समर्थन से सत्ता में आई थी।
महापंचायत के लिए रामलीला मैदान को तय किया गया था, लेकिन भाजपा विधायक के दबाव में रामलीला कमेटी ने अंतिम समय में महापंचायत के आयोजन की अनुमति देने से इनकार कर दिया। वक्ताओं ने कहा कि राम किसी एक पार्टी के नहीं हैं, वे सभी के हैं। विधायक ने टिन शेड के लिए 5 लाख रुपये दिए हैं, जो जनता का पैसा है, न कि उनकी जेब से। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा आसपास के गांवों को उजाड़ देगी, तो रामलीला भी नहीं बचेगी।
इस महापंचायत में संयुक्त किसान मोर्चा, समाजवादी लोक मंच, वन पंचायत संघर्ष मोर्चा, वन गूजर युवा ट्राइबल संगठन, इंकलाबी मजदूर, उपपा, महिला एकता मंच, भाकपा माले, इंटार्क मजदूर यूनियन, मजदूर सहयोग केंद्र, श्रमिक संयुक्त मोर्चा, और कई अन्य संगठनों के नेताओं ने भाग लिया और संबोधित किया।
इस महापंचायत में उत्तराखंड के कोने-कोने से भारी संख्या में लोग शामिल हुए।