उत्तराखण्ड
सावित्रीबाई फुले जयंती पर महिला एकता मंच ने किया आम सभा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन
रामनगर: देश की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की जयंती के अवसर पर महिला एकता मंच ने ग्राम पूछड़ी नई बस्ती में एक आम सभा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य सावित्रीबाई फुले के संघर्षों और उनके आदर्शों को याद करना और समाज में महिलाओं की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए जागरूकता फैलाना था।
सभा में उठी समान शिक्षा प्रणाली की मांग
कार्यक्रम का संचालन करते हुए शाइस्ता अंसारी ने कहा कि सावित्रीबाई फुले ने अपने समय में पुरातनपंथ, कट्टरपंथ, और जातिवाद का जिस साहस के साथ सामना किया, वह आज भी प्रेरणादायक है। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाने का काम किया और महिलाओं के लिए समानता का मार्ग प्रशस्त किया।
शाइस्ता ने वर्तमान शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा, “आज देश में दोहरी शिक्षा प्रणाली है, जहां अमीरों के लिए अलग और गरीबों के लिए अलग स्कूल हैं। जब तक यह भेदभाव खत्म नहीं होगा और समाज के सभी वर्गों के लिए समान शिक्षा व्यवस्था लागू नहीं होगी, तब तक बराबरी संभव नहीं है।”
महिलाओं को प्रेरित किया सावित्रीबाई के आदर्शों पर चलने के लिए
सीमा तिवाड़ी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सावित्रीबाई फुले ने हमेशा स्त्रियों की बराबरी की बात की। उन्होंने कहा, “पितृसत्तात्मक समाज कभी नहीं चाहेगा कि महिलाएं उनकी बराबरी करें। लेकिन हमें सावित्रीबाई फुले की तरह संघर्ष करते हुए आगे बढ़ना होगा। हर महिला को सावित्रीबाई बनकर समाज में बदलाव के लिए अपना योगदान देना चाहिए।”
महिलाओं की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता पर जोर
राजेंद्र (समाजवादी लोक मंच) ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, “आज महिलाएं घर के अंदर और बाहर कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। समाज में बदलाव लाने के लिए महिलाओं को खुद आगे आना होगा और अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा।”
सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने मोहा मन
कार्यक्रम में दीपा ध्यानी, धना तिवाड़ी, दुर्गा सैनी, और अनीता ने अपने विचार प्रस्तुत किए। इसके साथ ही, शांति मेहरा, कमला, परी, अनिता, तुलसी, और मंजू ने गीत और नृत्य प्रस्तुत कर कार्यक्रम को सांस्कृतिक रंग दिया।
संदेश और प्रेरणा
यह आयोजन सावित्रीबाई फुले के योगदान को याद करने और उनके आदर्शों को अपनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। महिला एकता मंच ने इस कार्यक्रम के माध्यम से न केवल महिलाओं को प्रेरित किया, बल्कि समाज में शिक्षा और समानता के लिए एक मजबूत संदेश भी दिया।