उत्तराखण्ड
महिला एकता मंच का हल्लाबोल: अंकिता भंडारी हत्याकांड की सीबीआई जांच की उठी मांग, VIP अपराधी को सजा देने की मांग
महिला एकता मंच का हल्लाबोल: अंकिता भंडारी हत्याकांड की सीबीआई जांच की उठी मांग, VIP अपराधी को सजा देने की मांग
रामनगर (एटम बम)। अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर जनाक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को महिला एकता मंच के बैनर तले सैकड़ों महिलाएं लखनपुर चौक पर जुटीं और जुलूस निकालते हुए जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने सीबीआई जांच की मांग दोहराते हुए भाजपा सरकार पर वीआईपी अपराधी को बचाने का आरोप लगाया।
सभा का संचालन कर रहीं मंच की संयोजक ललिता रावत ने कहा कि— “18 सितंबर 2022 को अंकिता भंडारी की हत्या केवल एक लड़की की हत्या नहीं थी, बल्कि यह उस सिस्टम की हत्या थी जो वीआईपी संस्कृति और महिला उत्पीड़न को संरक्षण देता है।” उन्होंने बताया कि अंकिता वंनतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी, जहां उसे वीआईपी मेहमानों को ‘विशेष सेवा’ देने के लिए मजबूर किया जा रहा था। लेकिन जब उसने इंकार किया, तो उसकी निर्ममता से हत्या कर दी गई। ललिता ने भाजपा सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि हत्या के बाद सबूत मिटाने के लिए खुद सरकार ने बुलडोजर चलवाकर अंकिता का कमरा ध्वस्त करवा दिया।
“वीआईपी के नाम पर यह हत्या हुई, और अपराधी आज भी खुलेआम घूम रहे हैं।”
सभा में मौजूद कौशल्या ने कहा कि इस हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग केवल सोशल मीडिया तक सिमट कर रह गई है, जबकि यह मुद्दा सड़कों पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनता को अब न्याय के लिए खामोश नहीं रहना है, वरना एक के बाद एक बेटियां सिस्टम की भेंट चढ़ती रहेंगी।
“जनता जागेगी तो ही सरकार की नींद खुलेगी।”
बड़े नेता को बचा रही है भाजपा सरकार: मुनीश कुमार
समाजवादी लोक मंच के मुनीश कुमार ने भाजपा सरकार पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा—
“अंकिता को विशेष सेवा के लिए मजबूर करने के पीछे भाजपा के एक बड़े नेता का नाम सामने आ रहा है। यही कारण है कि न केंद्र और न ही राज्य सरकार सीबीआई जांच के लिए तैयार है। सुप्रीम कोर्ट का इस जांच को खारिज करना भी दुर्भाग्यपूर्ण है, इससे अपराधियों को और बल मिलेगा।”
सरकार जश्न मना रही, जनता त्रस्त है: प्रभात ध्यानी
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी (उपपा) के नेता प्रभात ध्यानी ने कहा—
“जब जनता महिला सुरक्षा, अस्पतालों की बदहाली और जंगलों से हो रहे हमलों से जूझ रही है, तब सरकार अपने 3 साल के जश्न में डूबी हुई है। यह शर्मनाक है।”
उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिला अपराधों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और सरकार केवल प्रचार में व्यस्त है।
“बेटी बचाओ नारा अब ढकोसला बन गया है”
सरस्वती जोशी ने कहा कि आज महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने कहा—
“भाजपा का बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ अब एक ढकोसला बनकर रह गया है। जिनके पास ताकत और सत्ता है, वे हमेशा कानून से बच निकलते हैं, और आम बेटियां दर-दर न्याय के लिए भटकती हैं।”
सभा में तुलसी जोशी, जनकवि बल्ली सिंह चीमा, छिम्वाल, किरण आर्य, ललित उप्रेती, रोहित रोहिला, सुमित, पी.सी. जोशी, तारा बेलवाल समेत कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और नेताओं ने संबोधित किया।
कार्यक्रम में भगवती नेगी, दुर्गा सैनी, सीमा तिवाड़ी, माया नेगी, रश्मी, दीपा आर्य, आफरीन, पुष्पा, लता, कमला, धना, रेनू सैनी, हर्षिता, भावना, मधू आर्य सहित सैकड़ों महिलाएं शामिल रहीं।




