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उत्तराखण्ड

मरचूला बस दुर्घटना: संयुक्त संघर्ष समिति ने स्वास्थ्य और परिवहन नीतियों पर उठाए सवाल

मरचूला बस दुर्घटना: संयुक्त संघर्ष समिति ने स्वास्थ्य और परिवहन नीतियों पर उठाए सवाल

रामनगर (नैनीताल)। अल्मोड़ा के मरचूला में हुई बस दुर्घटना में 36 लोगों की दर्दनाक मौत पर संयुक्त संघर्ष समिति ने गहरा शोक व्यक्त किया है। समिति ने इस दुखद घटना के लिए राज्य की भाजपा सरकार की परिवहन और स्वास्थ्य नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है। समिति का कहना है कि यदि घायलों को समय पर उचित चिकित्सा सेवाएं मिलतीं, तो कई लोगों की जान बचाई जा सकती थी।

संयुक्त संघर्ष समिति ने सरकार से मांग की है कि पहाड़ के सभी रूटों पर सरकारी बसों का संचालन सुनिश्चित किया जाए और रामनगर के सरकारी अस्पताल को पीपीपी मोड से बाहर निकाल कर इसे ट्रॉमा सेंटर में बदल दिया जाए। साथ ही, मृतकों के परिवारों को 20 लाख रुपये और घायलों को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।

इस बीच, समिति के संयोजक ललित उप्रेती और महेश जोशी ने अस्पताल में पहुंचे भाजपा सांसद अजय भट्ट का घेराव किया। उन्होंने सांसद से पूछा कि पीपीपी मोड पर चलने वाले इस सरकारी अस्पताल में आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं क्यों उपलब्ध नहीं हैं और घायलों को यहां से बाहर क्यों रेफर किया जा रहा है। सांसद अजय भट्ट इन सवालों का कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए, जिससे जनता में आक्रोश बढ़ गया।

संघर्ष समिति का मानना है कि सरकार की जनविरोधी नीतियों के चलते पर्वतीय क्षेत्र में यातायात और स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बेहद दयनीय है, जो लोगों की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन चुकी है।

 

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संपादक –

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