उत्तराखण्ड
खनन माफिया की दबंगई: वन विभाग की टीम पर किया हमला, बाल-बाल बचे अधिकारी
खनन माफिया की दबंगई: वन विभाग की टीम पर किया हमला, बाल-बाल बचे अधिकारी
रामनगर।
तराई पश्चिमी वन प्रभाग में वन माफिया की दबंगई एक बार फिर सामने आई है। बिना रॉयल्टी के अवैध रूप से आरबीएम ले जा रहे डंपरों को पकड़ने गई वन सुरक्षा बल की टीम पर वाहन मालिकों और उनके गुर्गों ने न सिर्फ रास्ता रोका, बल्कि स्टाफ से धक्का-मुक्की कर डंपर भगाने की कोशिश भी की। हालात बेकाबू होते देख वन कर्मियों को डंपर के टायर पर गोली चलानी पड़ी। यह सनसनीखेज वारदात शनिवार दोपहर रतनपुरा गांव के पास हुई।
प्रभागीय वनाधिकारी तराई पश्चिमी के निर्देशन में और उप प्रभागीय वनाधिकारी, वन क्षेत्राधिकारी की अगुवाई में वन सुरक्षा बल की टीम सुल्तानपुर पट्टी क्षेत्र में गश्त पर थी। इसी दौरान दो डंपर—UK18CA-6449 और UK08CA-6345—को अवैध रूप से आरबीएम ले जाते हुए पकड़ा गया। वाहन में न तो रॉयल्टी थी और न ही कोई वैध प्रपत्र। टीम ने दोनों डंपरों को जब्त कर एक को बन्नाखेड़ा रेंज परिसर और दूसरे को पट्टी चौकी लाने की कार्रवाई शुरू की।
लेकिन रतनपुरा गांव के पास वाहन मालिक और उनके गुर्गों ने स्कॉर्पियो, थार और बाइकों से डंपर का रास्ता रोक लिया। इसके बाद टीम के साथ बदसलूकी की गई और जबरन डंपर छुड़ाने का प्रयास किया गया। हालात बिगड़ते देख वन टीम ने 112 नंबर पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी। पुलिस के पहुंचने से पहले ही माफिया डंपर भगाने पर आमादा थे, जिसके चलते आत्मरक्षा में वन टीम को डंपर के टायर पर दो राउंड फायर करना पड़ा।
फायरिंग के बाद स्थिति कुछ नियंत्रण में आई और टीम डंपर UK18CA-6449 को बन्नाखेड़ा रेंज परिसर में सुरक्षित खड़ा करने में सफल रही, जबकि दूसरा डंपर पुलिस की सुपुर्दगी में पट्टी चौकी ले जाया गया।
घटना के समय टीम में उप प्रभागीय वनाधिकारी, वन क्षेत्राधिकारी, वन दरोगा चंदन सिंह बिष्ट, वन आरक्षी अजय कुमार, मनमोहन सिंह और चालक मुराद अली व सुंदर बिष्ट मौजूद थे। इस दुस्साहसिक घटना ने न सिर्फ वन विभाग की कार्यप्रणाली को चुनौती दी है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा कर दिया है कि क्या वन माफियाओं के हौसले अब कानून से भी ऊंचे हो चुके हैं?
(एटम बम ब्यूरो – रामनगर)




