उत्तराखण्ड
नवरात्र विशेष: सरकार की पहल से अब बेटियां कराएंगी राफ्टिंग
देहरादून। उत्तराखंड की बेटियां जल्द ही ऋषिकेश की गंगा नदी में पर्यटकों को रोमांचक राफ्टिंग का अनुभव कराएंगी। प्रदेश सरकार की ओर से 14 महिलाओं को व्वाइट वॉटर रिवर राफ्टिंग गाइड के रूप में प्रशिक्षित किया गया है। अब ये महिलाएं पंजीकरण प्रक्रिया के बाद बतौर प्रोफेशनल राफ्टिंग गाइड अपना करियर शुरू करने के लिए तैयार हैं।
उत्तराखंड में राफ्टिंग का मुख्य केंद्र बन चुके ऋषिकेश में हर साल लाखों पर्यटक राफ्टिंग का आनंद लेने आते हैं। यहां इस उद्योग में अब तक केवल पुरुष गाइड ही काम कर रहे थे, लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर पहली बार पर्यटन विभाग ने महिलाओं को इस क्षेत्र में प्रशिक्षित करने का बीड़ा उठाया। अप्रैल से जून 2024 के बीच, इन 14 महिलाओं को तीन महीने का निशुल्क प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें उनके रहने और खाने की पूरी व्यवस्था भी सरकार की ओर से की गई।
सफलता की कहानियां:
प्रियंका राणा (पौड़ी):सिरांसू गांव की निवासी प्रियंका राणा, जो क्याकिंग एथलीट भी हैं, ने बीबीए के साथ-साथ राफ्टिंग गाइड बनने का सपना साकार किया। प्रियंका बताती हैं, “गांव के पास राफ्टिंग होती देख मुझे भी इसमें करियर बनाने की प्रेरणा मिली। सरकार का आभार कि उन्होंने महिलाओं को ये मौका दिया।”
कामाक्षी गोयल (रामनगर):गोवा में नॉटिकल कंपनी में काम कर रही कामाक्षी ने राफ्टिंग गाइड बनने का प्रशिक्षण लिया। पहले से वाइट वॉटर फील्ड में काम कर रहीं कामाक्षी इसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम मानती हैं। “सरकार ने तीन महीने का निशुल्क प्रशिक्षण और पूरी सुविधाएं देकर हमें आगे बढ़ने का मौका दिया,” कामाक्षी कहती हैं।
मुस्कान (ऋषिकेश):ग्रैजुएशन कर रही मुस्कान ने विदेशी प्रशिक्षकों से रिवर राफ्टिंग का प्रशिक्षण लिया और एक हफ्ते तक देवप्रयाग से ऋषिकेश तक गंगा में राफ्टिंग की। “यह अभियान महिलाओं के लिए खास था। मैं अपने करियर को यहीं बढ़ाना चाहती हूं,” मुस्कान गर्व से बताती हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पहल को साहसिक पर्यटन और महिला सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा, “महिलाओं को राफ्टिंग गाइड के रूप में प्रशिक्षित करने से रोजगार के नए अवसर खुलेंगे और महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी।”
उत्तराखंड की बेटियों की यह सफलता, साहसिक पर्यटन में एक नए युग की शुरुआत का संकेत देती है, जो उन्हें न केवल रोजगार देगी, बल्कि समाज में उनकी एक सशक्त भूमिका को भी स्थापित करेगी।